Makar Sankranti 2025: आज या कल? जानें शुभ मुहूर्त और महापुण्य काल

मकर संक्रांति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो हर साल उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है और इसे हिंदू धर्म में अत्यधिक शुभ माना जाता है।

Jan 13, 2025 - 13:47
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Makar Sankranti 2025: आज या कल? जानें शुभ मुहूर्त और महापुण्य काल
Makar Sankranti 2025
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Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो हर साल उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है और इसे हिंदू धर्म में अत्यधिक शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति उस समय का प्रतीक है जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर गमन करता है। यह दिन ऋतु परिवर्तन का संकेत देता है। इसके साथ ही, इस दिन से दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। उत्तरायण को शुभ कार्यों के लिए अत्यंत अनुकूल माना गया है।

मकर संक्रांति पर शुभ कार्य और दान का महत्व

मकर संक्रांति के दिन दान और पुण्य के कार्यों का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ्य देना और तिल, गुड़, अन्न, कंबल आदि का दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह पर्व समाज में समानता और समर्पण का संदेश देता है।

मकर संक्रांति 2025 के शुभ मुहूर्त

  • पुण्य काल: सुबह 9:03 से शाम 5:46 तक
  • महापुण्य काल: सुबह 9:03 से 10:48 तक

मकर संक्रांति पर करने वाले विशेष कार्य

  1. सूर्य उपासना: प्रातः स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके लिए तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और अक्षत डालकर सूर्य को चढ़ाएं।
  2. दान-पुण्य: इस दिन तिल, गुड़, अन्न, कंबल और बर्तन का दान विशेष फलदायी होता है। गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
  3. खिचड़ी बनाना: नए अन्न से बनी खिचड़ी भगवान को अर्पित करें और प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। इसे कई स्थानों पर खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है।
  4. पवित्र ग्रंथों का पाठ: श्रीमद्भागवत, गीता या रामचरितमानस का पाठ करें।

मकर संक्रांति का सांस्कृतिक महत्व

यह पर्व विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम और परंपराओं के साथ मनाया जाता है:

  • उत्तर भारत में: गंगा स्नान और खिचड़ी का दान प्रमुख है।
  • पंजाब: इसे लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है।
  • तमिलनाडु: इसे पोंगल कहा जाता है, जो नई फसल के स्वागत का पर्व है।
  • गुजरात और राजस्थान: पतंगबाजी का यह पर्व उत्सव का मुख्य आकर्षण होता है।

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