'सीमा पर शांति बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए', जिनपिंग से मुलाकात में बोले PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, भारत-चीन संबंधों का महत्व न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। हम सीमा पर बनी आम सहमति का स्वागत करते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर हैं। बुधवार को पीएम ने कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। ब्रिक्स बैठक के बाद पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसमें पीएम मोदी ने कहा, भारत-चीन संबंधों का महत्व न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। हम सीमा पर बनी आम सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि हम खुले दिमाग से बात करेंगे।
बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों के लिए बातचीत और सहयोग मतभेदों को दूर करने और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करना है। दोनों पक्षों के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाना भी महत्वपूर्ण है। विकासशील देशों की ताकत और एकता बढ़ाने के लिए एक मिसाल कायम करें।
मोदी-जिनपिंग के बीच यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत-चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमत हुए हैं इससे पहले पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात 11 अक्टूबर 2019 को हुई थी।
2019 में महाबलीपुरम में हुई थी मुलाकात
2014 से 2019 के बीच पीएम मोदी और जिनपिंग की 18 बार मुलाकात हो चुकी है। ये वो मौके थे जब मोदी-जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। जिनपिंग 18 सितंबर 2014 को भारत आए थे। इसके बाद पीएम मोदी 14 मई 2015 को चीन गए थे। फिर 4-5 सितंबर 2016 को चीन में जी-20 शिखर सम्मेलन हुआ था। इसमें दोनों की मुलाकात हुई थी। इसके बाद 8-9 जून 2017 को एससीओ बैठक में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी।
फिर 26 अप्रैल 2018 को दोनों नेताओं की मुलाकात चीन के वुहान में और 11 अक्टूबर 2019 को महाबलीपुरम में हुई थी। हालांकि, नवंबर 2022 में मोदी और जिनपिंग ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक-दूसरे का अभिवादन किया था। पिछले साल अगस्त में भी प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अनौपचारिक बातचीत की थी।
कजान में मुलाकात से पहले कैसे बना सकारात्मक माहौल?
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एलएसी पर दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ।
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भारत-चीन यथास्थिति बहाल करने पर सहमत हुए।
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तनाव के बावजूद बातचीत का सिलसिला जारी रहा।
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बातचीत के जरिए विवादों का समाधान किया गया।
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चीन ने भारत में अपना नया राजदूत भेजा।
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चीन के नए राजदूत ने भारत की तारीफ की।
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चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत की तारीफ की।
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वीजा और व्यापार से जुड़े मामलों में राहत दी गई।
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