66 करोड़ श्रद्धालु, 45 दिन, और श्रद्धा की गंगा… महाकुंभ 2025 ने रचा इतिहास
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 महाशिवरात्रि के पावन स्नान के साथ संपन्न हो गया। इस 45 दिनों के ऐतिहासिक आयोजन में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी, जिसमें अब तक 66 करोड़ से अधिक भक्तों ने गंगा और यमुना के संगम में पुण्य स्नान किया।

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 महाशिवरात्रि के पावन स्नान के साथ संपन्न हो गया। इस 45 दिनों के ऐतिहासिक आयोजन में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी, जिसमें अब तक 66 करोड़ से अधिक भक्तों ने गंगा और यमुना के संगम में पुण्य स्नान किया। इस भव्य आयोजन के समापन अवसर पर भारतीय वायुसेना ने ‘महा सलामी’ दी, जिसमें सुखोई लड़ाकू विमानों ने आसमान में अद्भुत करतब दिखाए।
महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं का सैलाब
महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। मेला प्रशासन के अनुसार, केवल महाशिवरात्रि के दिन शाम 4 बजे तक 1.32 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे, जबकि लाखों लोग स्नान के लिए आगे बढ़ रहे थे। इस अवसर पर प्रशासन ने गुलाब की 120 क्विंटल पंखुड़ियों की वर्षा कर इस आयोजन को यादगार बना दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के सफल आयोजन पर सभी सनातन धर्म प्रेमियों, साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने त्रिवेणी संगम में इस दिव्य आयोजन की सफलता के लिए सभी को धन्यवाद दिया और इसे भारतीय संस्कृति एवं अध्यात्म की अमूल्य धरोहर बताया।
हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा, 50 से अधिक देशों से पहुंचे श्रद्धालु
महाकुंभ 2025 में नेपाल, भूटान, अमेरिका, इंग्लैंड, जापान सहित 50 से अधिक देशों से श्रद्धालु पहुंचे। मेले में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिससे संगम तट का दृश्य और भी अलौकिक हो गया।
20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया कल्पवास
इस बार महाकुंभ में 20 लाख से अधिक लोगों ने कल्पवास किया। यह श्रद्धालु पौष पूर्णिमा से ही संगम की रेती पर निवास कर रहे थे और पूरे नियमों का पालन करते हुए मौनी अमावस्या तक भजन-कीर्तन और साधना में लीन रहे। मौनी अमावस्या के बाद इन कल्पवासियों के साथ साधु-संतों के सभी 13 अखाड़े भी प्रयागराज से विदा हो गए।
सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम
महाकुंभ में करोड़ों लोगों की भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे। मेले के दौरान राज्य के प्रमुख आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। इसके अलावा, भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई। देशभर से श्रद्धालुओं के आने-जाने की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों और बसों का भी संचालन किया गया।
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