लोकसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, ‘वंदे मातरम्’ की धुन के साथ सत्र का समापन
लोकसभा का छठा सत्र आज शुक्रवार को औपचारिक रूप से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र की समाप्ति से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन को संबोधित किया।
लोकसभा का छठा सत्र आज शुक्रवार को औपचारिक रूप से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र की समाप्ति से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन को संबोधित करते हुए इस सत्र की उपलब्धियों, कार्य संस्कृति और सांसदों के सहयोग के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम 18वीं लोकसभा के छठे सत्र के अंत पर पहुंच चुके हैं। इस अवधि में सदन की 15 बैठकें आयोजित की गईं और इस दौरान सदन की उत्पादकता लगभग 111 प्रतिशत रही। यह आप सभी के सहयोग से संभव हुआ, जिसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।”
‘वंदे मातरम्’ की धुन के साथ सत्र का समापन
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सभी सदस्यों से ‘वंदे मातरम्’ की धुन के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े होने का अनुरोध किया। इसके बाद उन्होंने औपचारिक घोषणा की कि सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाती है। इसका अर्थ है कि इस सत्र की अब कोई अगली बैठक नहीं होगी। अगला सत्र केंद्र सरकार और राष्ट्रपति की अनुमति से किया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा
लोकसभा अध्यक्ष ने एक्स (X) पर लिखा, “18वीं लोकसभा के छठे सत्र का आज सफल समापन हुआ। यह सत्र 1 दिसंबर 2025 को आरंभ हुआ था और इसमें कुल 15 बैठकें हुईं। सभी माननीय सदस्यों के सहयोग से सदन की उत्पादकता 111 प्रतिशत के करीब रही। सदन के सुचारू संचालन के लिए मैं प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सभी सदस्यों, लोकसभा सचिवालय और मीडिया का हार्दिक धन्यवाद करता हूं।”
‘जी राम जी’ विधेयक को लेकर हंगामा
सत्र के अंतिम दिन भी विपक्षी दलों का विरोध-प्रदर्शन संसद परिसर में जारी रहा। विपक्षी सांसदों ने मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया। विपक्ष का कहना है कि सरकार ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। गुरुवार को लोकसभा में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन विधेयक (जी राम जी) भारी हंगामे के बीच पारित किया गया। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की जगह लेगा। विपक्ष इस कदम का कड़ा विरोध कर रहा है जबकि सरकार का कहना है कि नया विधेयक रोजगार गारंटी योजना को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाएगा।
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