मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी-सपा की हार और जीत पर वकीलों ने लगाई शर्त, हलफनामा तैयार
मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा-भाजपा की जीत हार पर 21 हजार रुपए का दांव लगाया है। हारने वाला अधिवक्ता जीतने वाले अधिवक्ता को 21 हजार रुपए देगा।
पूरे प्रदेश में मिल्कीपुर उपचुनाव में जीत हार को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। मिल्कीपुर की सियासी गर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कानपुर कचहरी में अधिवक्ताओं के दो गुट आमने सामने आ गए, जहां कानपुर कचहरी के अधिवक्ताओं ने मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा-भाजपा की जीत हार पर 21 हजार रुपए का दांव लगाया है। हारने वाला अधिवक्ता जीतने वाले अधिवक्ता को 21 हजार रुपए देगा।
मिल्कीपुर उपचुनाव में इस बार मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा है। मिल्कीपुर में सपा-भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। कानपुर में दो अधिवक्ताओं का दांव चर्चा का विषय बना हुआ है।
शर्त के लिए हलफनामा तैयार
मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रतिष्ठा की जंग में कानपुर के दो अधिवक्ताओं ने अपने पसंदीदा दल और प्रत्याशियों की जीत पर दांव लगाया है। इसके लिए बकायदा हलफनामा तैयार किया गया है। एक अधिवक्ता ने भाजपा की जीत पर तो दूसरे ने सपा की जीत पर दांव लगाया है। उपचुनाव में जिसका प्रत्याशी हारेगा उसे जीतने वाले अधिवक्ता को 21 हजार रुपए की धनराशि देनी होगी। अधिवक्ता कृष्णानंद झा और अधिवक्ता प्रत्यूष मणि के बीच यह दांव लगा है।
अधिवक्ताओं का यह दांव कानपुर कचहरी में चर्चा का विषय बन गया है और अब जितना सपा और भाजपा अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत का इंतजार कर रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा रोचक संघर्ष अधिवक्ताओं के बीच देखने को मिल रहा है। इस अनोखे दांव के बाद कानपुर कचहरी के सभी अधिवक्ता मिल्कीपुर उपचुनाव के परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बीजेपी-सपा में प्रतिष्ठा की जंग
मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है। इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी को हराया था। भाजपा लोकसभा चुनाव में मिली हार को दोहराना नहीं चाहती है। भाजपा अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।
उपचुनाव में सपा ने अयोध्या लोकसभा चुनाव जीतने वाले अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने दलित प्रत्याशी चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है। चंद्रभान पासवान को प्रत्याशी बनाकर भाजपा सपा के पीडीए फॉर्मूले को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
सपा और भाजपा ने मिल्कीपुर की सियासी लड़ाई को दलित बनाम दलित बना दिया है। भाजपा को भरोसा है कि चंद्रभान पासवान के जरिए वह अपनी खोई प्रतिष्ठा वापस पा लेगी। वहीं अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद भी अपने बेटे को जिताने के लिए तमाम सियासी दांव-पेंच आजमा रहे हैं।
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