अलग राजधानी और हाईकोर्ट के पक्ष में आई खाप, हरियाणा की दूसरी खापों से भी मांगा सहयोग
हरियाणा की अलग राजधानी और अलग हाईकोर्ट के पक्ष में अब खाप भी आने लगी है। इस मांग को लेकर अखिल भारतीय सर्वजातीय बनान खाप सम्मेलन की ओर से जींद के दनौदा में एक बैठक का आयोजन किया गया।
सज्जन कुमार, चंडीगढ़ : हरियाणा की अलग राजधानी और अलग हाईकोर्ट के पक्ष में अब खाप भी आने लगी है। इस मांग को लेकर अखिल भारतीय सर्वजातीय बनान खाप सम्मेलन की ओर से जींद के दनौदा में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अलग हाईकोर्ट और राजधानी को लेकर हरियाणा की अन्य खाप पंचायतों से भी सहयोग की अपील की गई।
पंचायत में मौजूद मास्टर ईश्वर गोयत अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय गोयत खाप, रवि कांत सैन अध्यक्ष ठाकुर सैन सभा कानूनी प्रकोष्ठ, सुरेंद्र कुमार बैरागी अध्यक्ष अखिल भारतीय दूहन खाप, संजीव नारा अध्यक्ष नारा खाप, लाभ सिंह खाप में मौजूद अन्य लोगों ने भी हरियाणा बनाओ अभियान को समर्थन दिया और अलग से उच्च न्यायालय और नई राजधानी की मांग की। हरियाणा बनाओ अभियान के सभी प्रतिनिधियों ने भी खाप के मुद्दे पर अखिल भारतीय सर्वजातीय खाप को समर्थन दिया। बैठक में हरियाणा बनाओ अभियान के संयोजक ने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक लोग हरियाणा बनाओ अभियान के मुद्दे का समर्थन करेंगे। अब रणधीर सिंह बधरान पूर्व चेयरमैन बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा के नेतृत्व में हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट की मांग जनता की मुख्य मांग बनती जा रही है।
समर्थन में पारित किया था प्रस्ताव
इससे पहले हरियाणा की 18 बार एसोसिएशन, 100 ग्राम पंचायतें और 10 राज्य स्तरीय सामाजिक संगठन, जिनकी 4 लाख से अधिक सदस्यता और 40 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, ने भी हरियाणा बनाओ अभियान के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया था, . रविकांत सैन एडवोकेट, यादविंदर सिंह एडवोकेट, सुरेंद्र बैरागी एडवोकेट, यसपाल राणा एडवोकेट, भारत भूषण बाल्मीकि एडवोकेट, बलिंदर खुखनी, मुनीश तिवाणा, प्रदीप सांगवान, राकेश कटलारी, मास्टर ईश्वर गोयत और कई अन्य उपस्थित थे।रणधीर सिंह बधरान, पूर्व अध्यक्ष बार काउंसिल और संयोजक हरियाणा बनाओ अभियान, रविकांत एडवोकेट सह संयोजक, हरपाल सिंह अधिवक्ता सह संयोजक ने खुले तौर पर घोषणा की कि संगठन के संयोजकों से फीडबैक के आधार पर हरियाणा के विधानसभा चुनाव के उन उम्मीदवारों के खिलाफ आगे कदम उठाए जाएंगे जो हरियाणा के अलग उच्च न्यायालय और अलग राजधानी के निर्माण के पक्ष में नहीं हैं।
What's Your Reaction?