Kathua Attack: 3 दिन में आतंकी हमले में 7 जवान शहीद, अचानक क्यों बढ़ी आतंकी गतिविधियां?

Jul 9, 2024 - 13:45
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Kathua Attack: 3 दिन में आतंकी हमले में 7 जवान शहीद, अचानक क्यों बढ़ी आतंकी गतिविधियां?
Kathua Attack: 3 दिन में आतंकी हमले में 7 जवान शहीद, अचानक क्यों बढ़ी आतंकी गतिविधियां?

पहले फेंका ग्रेनेड, फिर 12 मिनट तक की अंधाधुंध फायरिंग। जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकी सर उठाने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों में रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में 4 जगहों पर आतंकवादी हमले हुए हैं। 

बीते सोमवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों पर बड़ा हमला कर दिया। इस आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए, जबकि 5 जवान घायल हुए हैं। 

पिछले 1 महीने में यह जम्मू में हुआ 7वां बड़ा हमला है, जबकि कठुआ जिले में एक महीने में ये दूसरा बड़ा आतंकी हमला है। अब ऐसे में सवाल ये है अचानक ऐसा क्या हुआ जो आतंकवादी फिर से जम्मू को टारगेट कर रहे हैं?

नई जगह, नए टारगेट और एक के बाद एक लगातार हमले। आतंकियों का ये पैटर्न नया है। पिछले एक महीने में जम्‍मू में 7 बड़े हमले हुए हैं। इसमें सेना के साथ-साथ आम लोगों को भी निशाना बनाया गया है। 

आतंकी संगठन ने आने वाले दिनों में इस तरह के और हमले करने की कसम खाई है। कश्मीर में चल रही अमरनाथ यात्रा के बीच जम्मू के कठुआ इलाके में सैन्य काफिले पर बीते सोमवार आतंकियों ने घात लगाकर बड़ा हमला कर दिया। 

जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के माचेडी इलाके में बीते सोमवार को सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किये गए आतंकवादियों के हमले में जूनियर कमीशन अधिकारी जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए और 5 अन्य घायल हुए हैं। 

हादसे में जान गंवाने वाले सैनिक

  • जेसीओ (नायब सूबेदार): अनंत सिंह
  • हेड कांस्टेबल: कमल सिंह
  • राइफलमैन: अनुज नेगी
  • राइफलमैन: आदर्श नेगी
  • नायक: विनोद सिंह 

हादसे में घायल सैनिक

  • हेड कांस्टेबल: अरविंद सिंह
  • हेड कांस्टेबल: सुजान राम

  • नायक: सागर सिंह
  • हेड कांस्टेबल: गगनदीप सिंह

  • राइफलमैन: कार्तिक

अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि आतंकवादियों ने सेना के वाहन को एक ग्रेनेड से निशाना बनाया और उस पर गोलीबारी की। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना करीब साढ़े 3 बजे हुई कठुआ जिले में एक महीने के अंदर यह दूसरा बड़ा हमला है। 

इसके लिए सेना ने कठुआ में हेलीकॉप्टर के जरिए पैरा कमांडो को उतारा है। फरार आतंकियों की तलाश जारी है। बीते सोमवार के हमले से पहले 12 और 13 जून को इसी तरह की एक मुठभेड़ में 2 आतंकवादी मारे गये थे और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक जवान की जान चली गई थी। 

अब सवाल ये है की कठुआ ही क्यों? बता दें कि कठुआ की भौगोलिक स्थिति उसे आतंकियों के लिए टारगेट बनाती है। कठुआ के एक तरफ पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा है, तो दूसरी तरफ पंजाब और हिमाचल प्रदेश हैं। 

यह जिला जम्मू-कश्मीर के उधमपुर, डोडा और सांबा जिलों से भी सटा हुआ है। बीते सोमवार को जहां हमला हुआ, वह इलाका कठुआ शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर मचेड़ी और लोहाई मल्हार के बीच में आता है। मचेड़ी में पहले से ही सुरक्षा बलों का एक बेस था क्योंकि यह इलाका 1990s में आतंकवाद का गढ़ था। 

जम्मू-कश्मीर में 3 दिनों में आतंकवादी हमलों में मरने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या सात हो गई है। बीते शनिवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में अलग-अलग अभियानों में सेना की पैरा कमांडो यूनिट के लांस नायक प्रदीप नैन और 1 राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही प्रवीण जंजाल शहीद हो गए थे। 

J&K में हिंसा बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह बॉर्डर पार आतंकियों की रहस्यमयी हत्याओं को माना जा रहा है। पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (POK) में पिछले कुछ महीनों के भीतर 21 कश्मीरी आतंकियों की रहस्यमय ढंग से हत्या हुई है। इनमें रिटायर्ड पाकिस्तानी सेना ब्रिगेडियर और प्रमुख आईएसआई कार्यकर्ता आमिर हमजा की हत्या भी शामिल है। 

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