करवा चौथ 2024: करवा चौथ पर कैसे करें पूजा? जानिए उपाय, पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, कथा

करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। यह विशेष अवसर विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका धार्मिक महत्व पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए होता है।

Oct 19, 2024 - 10:20
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करवा चौथ 2024:  करवा चौथ पर कैसे करें पूजा? जानिए उपाय, पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, कथा
Karwa Chauth 2024
करवा चौथ 2024:  करवा चौथ पर कैसे करें पूजा? जानिए उपाय, पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, कथा
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करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। यह विशेष अवसर विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका धार्मिक महत्व पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए होता है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को और भगवान शिव ने माता पार्वती को इस व्रत के महत्व के बारे में बताया था। 

करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं और अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की कामना करती हैं। पूजा में मुख्यतः भगवान गणेश, माता गौरी और चंद्रमा की आराधना की जाती है। इस वर्ष चतुर्थी तिथि का आरंभ सुबह 6:46 बजे होगा, जबकि चंद्रोदय का समय शाम 7:54 बजे है। 

पूजन विधि में सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करना और पूजा घर की सफाई करना शामिल है। इसके बाद, सास द्वारा दिया गया भोजन ग्रहण कर, निर्जला व्रत का संकल्प लेना चाहिए। यह व्रत सूर्य अस्त होने के बाद ही चंद्रमा के दर्शन के साथ खोला जाता है। संध्या में, एक मिट्टी की वेदी पर देवताओं की स्थापना करें और पूजा सामग्री जैसे धूप, दीप, चंदन, रोली आदि तैयार करें।

पूजा के दौरान परिवार की सभी महिलाएं एक साथ मिलकर करवा चौथ कथा सुनें या सुनाएं। चंद्रमा का दर्शन छलनी से करना चाहिए और उसके बाद उन्हें अर्घ्य प्रदान करना अनिवार्य है। इसके बाद, बहू अपने सास को मिष्ठान, फल, और रुपये देकर उनका आशीर्वाद लेती है, जिससे उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

करवा चौथ के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। व्रति महिलाओं को नमक युक्त भोजन से दूर रहना चाहिए और व्रत के दौरान गणेश मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है। इस व्रत को कम से कम 12 से 16 वर्षों तक करना चाहिए, जिसके बाद उद्यापन किया जा सकता है। इस तरह, करवा चौथ का यह पावन अवसर सभी विवाहित महिलाओं के लिए एक विशेष महत्व रखता है।

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