हिमाचल प्रदेश का ये गांव क्या बन जाएगा दूसरा जोशीमठ ? धंसती जा रही है जमीन
उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले साल की वो घटना, जब जगह-जगह पर जमीन धसने की वजह से हाहाकार मच गया था। अब ऐसा ही कुछ दोबारा देखने को मिल रहा है, हिमाचल के कुछ इलाकों में।
दरकते पहाड़ और घरों में आई बड़ी-बड़ी दरार। उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले साल की वो घटना, जब जगह-जगह पर जमीन धसने की वजह से हाहाकार मच गया था। अब ऐसा ही कुछ दोबारा देखने को मिल रहा है, हिमाचल के कुछ इलाकों में। 10,800 फीट की ऊंचाई पर बसे लाहौल-स्पीति जिले के लिंडूर गांव की जमीनों में दरारें बढ़ती जा रही हैं।
गांव को रीलोकेट करने की है जरूरत
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) और IIT मंडी की टीम ने भी इसपर स्टडी कर रिपोर्ट दी थी कि गांव को तुरंत रीलोकेट करने की जरूरत है। लिंडूर गांव, केलॉन्ग कस्बे से 31 किलोमीटर दूर, ग्रेट हिमालयन रेंज के बीच है। गांव के आसपास के खेती-बाड़ी वालें इलाकों और ढलानों पर भी दरारें साफ दिखाई दे रही हैं।
इसके अलावा सिरमौर जिले की चढ़ाई-उतराई के बीच बसा शमाह गांव भी फटती जमीनों का शिकार हो गया है और इसी के चलते कुल 400 लोगों की आबादी वाला ये गांव आधे से ज्यादा खाली भी हो चुका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन ने रीलोकेट होने के लिए जो जमीन दी थी, वो रहने लायक नहीं है। जीएसआई ने चेतावनी दी है कि ये इलाके कभी भी बड़े भूस्खलन की चपेट में आ सकते हैं।
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