भारत के व्यापारियों ने तुर्किये और अजरबैजान का किया बहिष्कार, मंडियों में नहीं बिक रहे फल
भारतीय व्यापारियों ने तुर्की के सेब, संगमरमर और अन्य उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया है।

हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष (ऑपरेशन सिंदूर) के दौरान तुर्किये और अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्की और चीन से मिले ड्रोनों का इस्तेमाल किया, जिसका भारत ने करारा जवाब दिया।
जहां एक ओर तुर्की के सैन्यकर्मी पाकिस्तान में तैनात थे और भारत पर हमलों में शामिल थे तो वहीं अजरबैजान ने भी पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत के आतंकी ठिकानों पर हमलों की आलोचना की।
इन घटनाओं के बाद भारत में व्यापारिक संगठनों, खासतौर पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा और व्यापार का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
भारतीय व्यापारियों ने तुर्की के सेब, संगमरमर और अन्य उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया है। राजस्थान के उदयपुर के संगमरमर व्यापारियों ने तुर्की से आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
प्रमुख ट्रैवल कंपनियों (जैसे ईजमाईट्रिप, कॉक्स एंड किंग्स, ट्रैवोमिंट) ने तुर्किये और अजरबैजान के लिए सभी पैकेज निलंबित कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर भी #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan ट्रेंड कर रहे हैं, और आम नागरिकों में भी इन देशों के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है।
सरकार पर तुर्की और अजरबैजान से आयात पर प्रतिबंध लगाने का दबाव बढ़ रहा है, विशेषकर संगमरमर और अन्य उत्पादों को लेकर। भारत अजरबैजान को मुख्यतः तंबाकू, चाय, कॉफी, अनाज, रसायन आदि निर्यात करता है, जबकि अजरबैजान से आयात बहुत कम है।
तुर्की और अजरबैजान को भारतीय पर्यटकों से हर साल लगभग 4,000 करोड़ रुपये की कमाई होती है।
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