Year Ender : दर्द चुनौती और बदलावों के बीच गुजरता भारत, पूरे साल का लेखा जोखा
2025 का साल देश के लिए बेहद ही दर्दनाक और उथल-पुथल भरा रहा। जहां एक ओर तकनीक, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, और आर्थिक सुधारों ने नए अवसर पैदा किए, वहीं दूसरी तरफ़ कई भीषण दुर्घटनाओं, अपराधों, आतंकवादी घटनाओं और त्रासदियों ने देश को झकझोर डाला। साल का यह सफ़र आशा और विषाद, उपलब्धियों और असफलताओं, वादों और सवालों के बीच लगातार झूलता रहा
2025 का साल देश के लिए बेहद ही दर्दनाक और उथल-पुथल भरा रहा। जहां एक ओर तकनीक, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, और आर्थिक सुधारों ने नए अवसर पैदा किए, वहीं दूसरी तरफ़ कई भीषण दुर्घटनाओं, अपराधों, आतंकवादी घटनाओं और त्रासदियों ने देश को झकझोर डाला। साल का यह सफ़र आशा और विषाद, उपलब्धियों और असफलताओं, वादों और सवालों के बीच लगातार झूलता रहा।नए साल की शुरुआत जहां उत्साह के साथ हुई, वहीं कुछ ही दिनों बाद ऐसी कई घटनाएं सामने आईं, जो पूरे देश के लिए एक दर्दनाक यादगार बन गईं। जैसे-जैसे 2025 आगे बढ़ा, एक के बाद एक घटनाओं ने यह स्पष्ट किया कि भारत को अभी भी सुरक्षा, भीड़-प्रबंधन, कानून-व्यवस्था, और न्याय प्रणाली जैसे क्षेत्रों में गहरे सुधारों की ज़रूरत है। आइए देखते हैं जनवरी से लेकर साल के अंत तक की वे प्रमुख घटनाएँ, जिन्होंने 2025 को एक ‘कठिन लेकिन महत्वपूर्ण’ वर्ष के रूप में स्थापित किया।
जनवरी: धार्मिक आस्था के बीच त्रासदी
प्रयागराज महाकुंभ की भगदड़ साल की सबसे बड़ी और दर्दनाक घटनाओं में से एक थी 29 जनवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ मेले में भीषण भगदड़ मच गई, यहां पर कुछ ही मिनट में पवित्र गंगा नदी के किनारे आस्था का सागर चीख-पुकार में बदल गया। जिसके बाद सरकारी आंकड़े यह बताते हैं कि इस भगदड़ में 37 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। इसके बाद इस बेहद ही दर्दनाक घटना को लेकर कई सारे सवाल उठने लगे कि क्या भारत जैसे विशाल देश में धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़-प्रबंधन आज भी इतना कमजोर है? क्या तकनीक, ड्रोन निगरानी, और आधुनिक सुरक्षा तरीकों के बावजूद मानव जीवन असुरक्षित है?
फरवरी: राजधानी दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़
15 फरवरी 2025 को न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ ने फिर से सुरक्षा प्रबंधन की विफलताओं को उजागर कर दिया। प्लेटफॉर्म 14 और 15 के बीच अचानक हुई भीड़ की हलचल ने मिनटों में स्थिति को बेकाबू कर दिया, जिसमें 18 लोगों की मौत और कई घायल होने के बाद यह घटना राष्ट्रीय मोर्चे पर चर्चा का विषय बन गई।
मार्च : नागपुर हिंसा: एक रात में टूटता हुआ सामूहिक भरोसा
17 मार्च 2025 की रात, महाराष्ट्र के नागपुर शहर के महल (Mahal) इलाके में विवादित धार्मिक व राजनीतिक मुद्दों के मद्देनज़र तनाव भड़क उठा। यह तनाव तब आया जब कुछ हिंदू संगठनों ने 17वीं सदी के मुग़ल शासक Aurangzeb के मकबरे को हटाने की मांग की थी।
अप्रैल : गुजरात के बनासकांठा जिले में हुआ पटाखा गोदाम विस्फोट
पूरे देश के लिए एक चेतावनी थी। विस्फोट इतना भयंकर था कि कई किलोमीटर दूर तक कंपन महसूस किए गए। 21 लोगों की मौत, असंख्य घायल—और सबसे दुःखद बात यह कि गोदाम का लाइसेंस समाप्त हो चुका था। यह घटना दर्शाती है कि भारत में अवैध और अनियंत्रित व्यावसायिक गतिविधियाँ किस तरह आम लोगों की जान पर भारी पड़ सकती हैं।
मई–जून: डिजिटल इंडिया पर धोखाधड़ी की चोट
इस महिने देशभर में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में ऐतिहासिक उछाल देखा गया। रिपोर्ट्स के अनुसार मात्र पहले पाँच महीनों में ही भारतीय नागरिकों ने लगभग ₹7,000 करोड़ ऑनलाइन स्कैम्स में गंवाए। फ़िशिंग, KYC-फ्रॉड, निवेश स्कैम, लोन ऐप ठगी, और फर्जी कॉल सेंटर-सभी मिलकर डिजिटल युग को चुनौती देते रहे। भारत की साइबर पुलिस और विशेष एजेंसियों ने कई बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, लेकिन धोखाधड़ी का पैमाना इतना बड़ा था कि यह स्पष्ट हो गया कि "डिजिटल सुरक्षा" अब केवल तकनीकी मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है।
जुलाई– उत्तराखंड के नैनीताल में 12 साल की बच्ची से यौन शोषण
साल के बीच में कुछ संवेदनशील अपराधों ने समाज को गहरे तक हिलाया। उत्तराखंड के नैनीताल में 12-साल की बच्ची से यौन शोषण का मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में रहा। आरोपी की उम्र 70 वर्ष से अधिक थी, जिसने इस घटना को और भी भयावह बना दिया। यौन अपराधों में वृद्धि, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर बढ़ते सवाल, और पीड़ितों के प्रति न्याय प्रक्रिया की सुस्ती इन सबने मानसिक रूप से देश को विचलित किया।
अगस्त : कई राज्यों में मानसून बना आफत, बाढ़ ने बढ़ाई चिंता
अगस्त 2025 में मानसून अपने चरम पर रहा और देश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो गई। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया। कई सड़कें, पुल और कृषि भूमि पूरी तरह डूब गईं, जिससे जनजीवन ठप हो गया। राज्य आपदा प्रबंधन टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटीं, जबकि प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया। लगातार बारिश और बाढ़ की यह स्थिति अगस्त महीने की सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आई।
सितंबर: पुलिस बूथ के बाहर नाबालिग की चाकू से हत्या
25 सितंबर 2025 को एक और सनसनीखेज मर्डर ने राजधानी दिल्ली को हिला दिया। यहां एक नाबालिग पर पुलिस बूथ के ठीक बाहर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए गए, जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना इतनी तेजी से हुई कि आसपास मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही आरोपी फरार हो गया। वारदात के बाद इलाके में दहशत और तनाव का माहौल फैल गया। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, खासकर इस बात को लेकर कि पुलिस बूथ के पास हत्या होना पुलिस गश्त और निगरानी की गंभीर कमी को दर्शाता है।
अक्टूबर: चक्रवात “देव” ने अक्टूबर 2025 में भारत के तटीय राज्यों में बढ़ाई चिंता
अक्टूबर 2025 में अरब सागर से बना चक्रवात “देव” तेजी से मजबूत होकर भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ा, जिसके चलते महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। समुद्र में ऊँची लहरें उठने के कारण मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई। कई तटीय शहरों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, जिससे परिवहन और जनजीवन प्रभावित रहा। NDRF और स्थानीय प्रशासन ने राहत एवं बचाव टीमें तैनात कीं। हालांकि चक्रवात का प्रभाव सीमित रहा, फिर भी इसके संभावित खतरे ने पूरे महीने लोगों में चिंता बनाए रखी। चक्रवात “देव” ने अक्टूबर 2025 में भारत के तटीय राज्यों में बढ़ाई चिंता
नवंबर: दिल्ली लाल किला के पास कार धमाका: 9 की मौत, 20 घायल
दिल्ली में लाल किले के पास एक आई 20 कार में जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत और 20 घायल हुए। विस्फोट इतना भयंकर था कि आसपास के वाहन जल गए और गाड़ियों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। घायल लोगों को लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। विस्फोट को आधिकारिक तौर पर आतंकी हमला नहीं बताया गया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में यह संदिग्ध माना जा रहा है। कार हरियाणा नंबर की थी और इसमें तीन लोग सवार थे।
लाल किले के पास कार बम साजिश में बड़ा खुलासा, 6 दिसंबर को था बड़े हमले का प्लान
दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके की जांच में नया खुलासा हुआ है। संदिग्ध आतंकी और कार चालक डॉ. उमर नबी कथित तौर पर 6 दिसंबर, बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के दिन बड़ा हमला करने की तैयारी में था। फरीदाबाद में पकड़े गए आठ संदिग्धों से पूछताछ में सामने आया कि ये सभी एक संगठित सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा थे, जिसके तार कश्मीर, हरियाणा और यूपी तक जुड़े हैं। जांच में यह भी पता चला है कि मॉड्यूल का संबंध पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से बताया जा रहा है।
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