भारत के लिए मुसीबत बन सकता है मोहम्मद यूनुस का सत्ता में आना, क्या होगा असर?

2009 में शेख हसीना के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्ते और मजबूत हुए थे।   पर अब बांग्लादेश में हुआ तख्तापलट भारत के लिए एक बड़ा झटका है। किसी ने शायद ही सोचा होगी कि 15 साल से सत्ता में रहने वाली प्रधानमंत्री हसीना को इस तरह से अपना देश छोड़ना पड़ेगा।

Aug 8, 2024 - 15:45
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भारत के लिए मुसीबत बन सकता है मोहम्मद यूनुस का सत्ता में आना, क्या होगा असर?

1971 से ही बांग्लादेश को बनाने और उसके विकास में भारत की अहम भूमिका रही है। भारत के सभी पड़ोसी देशों में भी बांग्लादेश ही अब तक ऐसा था, जहां न सिर्फ राजनीतिक स्थिरता थी बल्कि भारत से उसके रिश्ते भी शुरुआत से बेहतर रहे हैं। 2009 में शेख हसीना के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्ते और मजबूत हुए थे।  
पर अब बांग्लादेश में हुआ तख्तापलट भारत के लिए एक बड़ा झटका है। किसी ने शायद ही सोचा होगी कि 15 साल से सत्ता में रहने वाली प्रधानमंत्री हसीना को इस तरह से अपना देश छोड़ना पड़ेगा। भारत के लिहाज से हसीना का सत्ता में रहना फायदेमंद रहा है, लेकिन अब युनूस का सरकार में आना भारत के लिए बड़ी मुश्किल बन सकता है। 

बांग्लादेश को लेकर भारत की चार बड़ी चिंताएं 

इस सियासी उठापटक के बीच बांग्लादेश को लेकर भारत की 4 बड़ी चिंताएं हैं, जिसमें पहली चिंता अस्थिर देश में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा का है। दूसरी चिंता भारत-बांग्लादेश सरहद को लेकर है, तीसरी चिंता शेख हसीना के सत्ता से जाने के बाद बांग्लादेश से राजनीतिक और कारोबारी रिश्तों की है, और चौथी और सबसे बड़ी चिंता मजहबी कट्टरपंथ और आतंकवाद की है, जो की बांग्लादेश में सत्ता से लेकर सेना तक अपने पैर पसारने की तैयारी में है।

भारत और बांग्लादेश में कैसे हैं रिश्ते ?

आपको बता दें, बांग्लादेश और हिंदुस्तान के बीच जबरदस्त कारोबारी संबंध हैं, साथ ही दोनो देश करीब 4096 किलोमीटर का बॉर्डर शेयर करते है, जहां से आवाजाही और व्यापार के साधन बने हुए हैं.. लेकिन पिछले कई समय से भारी हिंसा के चलते बॉर्डर पर हाई अलर्ट पर है, जिससे व्यापार ठप पड़ा है। जिससे खासतौर पर भारत के एक्सपोर्ट-इंपोर्ट पर गहरा असर पड़ेगा। पिछले साल भारत और बांग्लादेश के बीच 1.06 लाख करोड़ का कारोबार हुआ है. जिसमें भारत ने बांग्लादेश से 15,268 करोड़ रुपये का सामान इंपोर्ट किया था, जबकि बांग्लादेश को 91,614 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट किया था। और अब इस साल की बात करें तो दोनो देशों के बीच 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। 

2016 के बाद से भारत ने बांग्लादेश को इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए भी काफी मदद की है। भारत ने बांग्लादेश को 8 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन दी है। जिसकी मदद से वहां रेल, सड़क और बंदरगाह बन रहे हैं। पिछले साल नवंबर में दोनों देशों ने मिलकर दो बड़े प्रोजेक्ट - अखौरा-अगरतला सीमा पार रेल लिंक और खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन का उद्घाटन किया गया था। इन रेल लाइनों से टूरिज्म और कारोबार बढ़ने की उम्मीद थी, जिसपर अब प्रश्नचिन्ह लग गया है। इस सब के अलावा भारत ने बांग्लादेश में अलग से 12 करोड़ डॉलर से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट भी कर रखा है।

यूनुस का कैसा है भारत के प्रति रूख ?

चलिए अब आपको बताते हैं कि यूनुस भारत को लेकर क्या सोचते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूनुस का कहना है कि भारत ने अपने यहां लोकतंत्र के फलने-फूलने के लिए पूरी शिद्दत से काम किया, लेकिन पड़ोसी बांग्लादेश में इसके उलट तानाशाही का समर्थन किया। उन्हें इस बात की भी तकलीफ है कि भारत ने बांग्लादेश के ताजा बवाल को आंतरिक मामला बताया। यूनुस का कहना है कि बांग्लादेश भारत का पड़ोसी देश है तो यह कैसे हो सकता है कि यहां बिगड़े माहौल से भारत आंखें मूंद ले? बता दें, कि बांग्लादेश भी दक्षेस दक्षिण एशियाई देशों का एक समूह है। और अब युनूस के नेतृत्व में दोनों देशों के संबंध क्या करवट लेंगे ये कह पाना मुश्किल है?

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