श्रीमद्भगवद्गीता ने कैसे ओलिंपिक मेडल जीतने में की मदद, इतिहास रचने के बाद क्या बोलीं मनु भाकर?

भारत की स्टार शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। मनु शूटिंग में ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं।

Jul 29, 2024 - 14:54
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श्रीमद्भगवद्गीता ने कैसे ओलिंपिक मेडल जीतने में की मदद, इतिहास रचने के बाद क्या बोलीं मनु भाकर?

भारत की स्टार शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। मनु शूटिंग में ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं। उन्होंने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में भारत को मेडल दिलाया। इसी के साथ पेरिस ओलंपिक में भारत का मेडल का खाता खुल गया है। मनु भाकर ने अपना पहला ओलंपिक पदक जीतने के बाद बताया की कैसे भगवान कृष्ण और गीता ने ओलंपिक मेडल जीतने में मदद की ।

हरियाणा के झज्जर की रहने वाली 22 साल की मनु ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 221.7 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीता। भारतीय निशानेबाज जब बाहर हुईं तो दक्षिण कोरिया की येजी किम से सिर्फ 0.1 अंक पीछे थीं जिन्होंने अंतत 241.3 अंक के साथ रजत पदक जीता। अपना पहला ओलंपिक पदक जीतने के बाद बोलते हुए मनु भाकर ने बताया कि कैसे भगवान कृष्ण और भगवद गीता से मिली शिक्षाओं ने उन्हें फाइनल में अपनी घबराहट को शांत करने और पेरिस खेलों में अपने देश के लिए पहला पदक जीतने में मदद की।तनावपूर्ण फाइनल के दौरान उनके दिमाग में क्या चल रहा था, इस बारे में बताते हुए, भाकर ने बताया कि कहा, "मैं भगवद गीता का पाठ करती हूं, तो मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था, 'बस वही करो, जो तुम यहां करने आए हो. आप नियति को नियंत्रित नहीं कर सकते. गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं, 'कर्म करो, फल की चिंता मत करो.' मेरे दिमाग में भी यही चल रहा था." महाभारत के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था, “कर्म करो फल की चिंता मत करो। भाकर ने बताया कि वह परिणाम के बारे में चिंतित नहीं थीं और फाइनल के दौरान अपने कर्म पर ध्यान केंद्रित करना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन से जो कहा था कि कर्म पर ध्यान दो, फल पर नहीं। उस समय मैं केवल यही सोच रही थी और यही किया।

मनु ने खुलासा किया कि पेरिस खेलों में भारत के लिए पहला पदक जीतना उनके लिए एक अवास्तविक एहसास था और उन्होंने ओलंपिक से पहले पूरी शूटिंग टुकड़ी की कड़ी मेहनत की सराहना की। बता दें कि मनु टोक्यो ओलिंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में नहीं पहुंच सकीं थीं। यह बात सामने आई थी कि क्वालिफिकेशन राउंड के दौरान उनकी पिस्टल में खराबी आ गई थी। उनकी पिस्टल ने ऐन मौके पर उन्हें धोखा दिया था। मनु क्वालिफिकेशन राउंड में 575 अंक लेकर 12वें स्थान पर रहीं थीं। मनु को पिस्टल में खराबी की वजह से पांच मिनट इंतजार भी करना पड़ा था। तो वहीं मनु के पिता बताते हैं कि मनु ने कभी हौसला नहीं गंवाया। पेरिस ओलिंपिक में शामिल होने से पहले जमकर मेहनत की। 10 से 12 घंटे तक हर रोज अभ्यास करते हुए फिटनेस का भी पूरा ध्यान रखा। अब ओलिंपिक में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला निशानेबाज बन गई है।

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