फर्जी वीजा बना विदेश भेज करता था ठगी, बिहार में छापेमारी कर पकड़ा आरोपी
DCP उषा रंगनानी ने बताया कि 30 जुलाई को धनंजय कुमार यादव नाम का यात्री दुबई जाने के लिए IGI एयरपोर्ट के डिपार्चर इमिग्रेशन पहुंचा, जहां उसके यात्रा दस्तावेजों की जांच के दौरान उसके पासपोर्ट पर किर्गिस्तान का फर्जी वीजा चिपका हुआ मिला।
दिल्ली के IGI एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने एक बिहारी एजेंट को गिरफ्तार किया है जो भोले-भाले लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करता था, जिसकी पहचान रहमतुल्लाह अंसारी (48) के रूप में हुई है। इसके साथ ही पुलिस ने एक हवाई यात्री को भी गिरफ्तार किया है, जो भारतीय इमिग्रेशन को धोखा देकर फर्जी वीजा पर विदेश जाने की कोशिश कर रहा था। इस शख्स की पहचान धनंजय कुमार यादव (26) के रूप में हुई है। ये दोनों बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं।
DCP उषा रंगनानी ने बताया कि 30 जुलाई को धनंजय कुमार यादव नाम का यात्री दुबई जाने के लिए IGI एयरपोर्ट के डिपार्चर इमिग्रेशन पहुंचा, जहां उसके यात्रा दस्तावेजों की जांच के दौरान उसके पासपोर्ट पर किर्गिस्तान का फर्जी वीजा चिपका हुआ मिला। फर्जी वीजा पर यात्रा करने और भारतीय इमिग्रेशन के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में उसके खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर IGI एयरपोर्ट थाने में FIR दर्ज की गई, जिसके बाद पुलिस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी यात्री ने पूछताछ में बताया कि वह बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है। उसके कुछ दोस्त जल्दी पैसा कमाने के लिए यूरोपीय देशों में गए हैं, इसलिए उसने भी विदेश जाकर पैसा कमाने की योजना बनाई, ताकि वह भी अच्छी जिंदगी जी सके।
इसी प्रयास के दौरान उसकी मुलाकात रहमत नामक व्यक्ति से हुई, जिससे उसका परिचय मुन्ना सिंह नामक व्यक्ति ने कराया था। आरोपी एजेंट ने उसे 2 लाख रुपये में किर्गिस्तान भेजने का भरोसा दिलाया, जिसके बाद आरोपी यात्री धनंजय ने एजेंट को 2 लाख रुपये नकद दे दिए और एजेंट ने अपने साथियों की मदद से धनंजय के लिए दुबई और किर्गिस्तान की टिकट और वीजा की व्यवस्था कर दी, लेकिन दिल्ली पहुंचते ही वह IGI एयरपोर्ट पर पकड़ा गया।
बिहार में छापेमारी के बाद पकड़ा गया आरोपी
एजेंट आरोपी यात्री के खुलासे के आधार पर ACP IGIकी देखरेख और इंस्पेक्टर सुमित के नेतृत्व में एसआई मुकेश और कांस्टेबल कृष्ण ने एक टीम बनाई और आरोपी एजेंट को पकड़ लिया। टीम ने स्थानीय खुफिया और तकनीकी निगरानी की मदद से बिहार में छापेमारी की और गंभीर और समर्पित प्रयासों से उसे धर दबोचा। पूछताछ के दौरान आरोपी एजेंट ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह 10वीं तक पढ़ा है और 13-14 साल दुबई में काम कर चुका है। काम के दौरान वह कुछ ऐसे एजेंटों के संपर्क में आया जो आसानी से पैसे कमाने के लिए भोले-भाले लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करते थे, जिसके बाद उसने भी एजेंट के तौर पर काम करने की योजना बनाई और 2019 में उसने आर. फाइंडर रिक्रूटमेंट नाम से ऑफिस खोला और लोगों को विदेश में नौकरी दिलवाने लगा।
विदेश भेजने के नाम पर फर्जी वीजा का इंतजाम
इस मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए उसने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर ठगी करने की नीयत से यात्री को 2 लाख रुपये में किर्गिस्तान भेजने का वादा किया था और इसके लिए उसने फर्जी वीजा का इंतजाम किया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके बैंक खातों की आगे जांच कर रही है ताकि धोखाधड़ी के अन्य मामलों का पता लगाया जा सके।
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