Haryana : तीन दिन में दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों की मौत ने खोली सिस्टम की पोल

रोहतक और बहादुरगढ़ में पोल ​​से गिरने से दो नेशनल लेवल के बास्केटबॉल खिलाड़ियों की मौत ने स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रोहतक में 16 साल के हार्दिक की प्रैक्टिस करते समय मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बहादुरगढ़ में 15 साल के अमन की हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। और ये दोनों ही घटनाएं CCTV में कैद हो गईं।

Nov 27, 2025 - 13:42
Nov 27, 2025 - 13:52
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Haryana : तीन दिन में दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों की मौत ने खोली सिस्टम की पोल
Rohtak basketball

हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने की बात तो हमेशा होती रही है, लेकिन हाल ही में सामने आई दो दर्दनाक घटनाओं ने सिस्टम की जिम्मेदारी और लापरवाही पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। रोहतक और बहादुरगढ़ में बास्केटबॉल पोल गिरने से दो होनहार नेशनल खिलाड़ी अपनी जान गंवा बैठे। इन हादसों ने स्पष्ट कर दिया है कि खेल मैदानों और उपकरणों की मेंटीनेंस में भारी चूक हो रही है।

रोहतक में 16 वर्षीय हार्दिक की दर्दनाक मौत

रोहतक के लाखन माजरा गांव में गुरुवार सुबह करीब 10 बजे खेल ग्राउंड में बड़ा हादसा हुआ। 16 वर्षीय हार्दिक, जो एक उभरता हुआ खिलाड़ी था और कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुका था, अकेले बास्केटबॉल प्रैक्टिस कर रहा था। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि वह दौड़कर पोल पर चढ़ा और लोहे का भारी पोल अचानक टूटकर उसकी छाती पर गिर गया। बताया गया कि इस पोल का वजन करीब 750 किलोग्राम था। पास मौजूद अन्य खिलाड़ियों ने हार्दिक को तुरंत बाहर निकाला और PGIMS रोहतक ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हार्दिक दसवीं का छात्र था और उसका सपना था कि वह राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम रोशन करे।

कम उम्र में हार्दिक की बड़ी उपलब्धियां

हार्दिक ने मात्र 16 साल की उम्र में ही बास्केटबॉल के क्षेत्र में कई शानदार उपलब्धियां हासिल की थीं। कांगड़ा में आयोजित 47वीं सब-जूनियर नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद हैदराबाद में 49वीं सब-जूनियर नेशनल प्रतियोगिता और पुडुचेरी में 39वीं यूथ नेशनल प्रतियोगिता में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए। उनकी अचानक और दुखद मौत ने परिवार और पूरे गांव में गहरा शोक और सदमा फैला दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल एक हादसा नहीं है, बल्कि खिलाड़ियों के प्रति लगातार लापरवाही और प्रशासनिक अनदेखी का परिणाम है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिस बास्केटबॉल कोर्ट पर यह हादसा हुआ, वह पंचायत की जमीन पर बना था। इस कोर्ट के लिए तत्कालीन सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अपने सांसद निधि से 11 लाख रुपये मंजूर किए थे। बावजूद इसके, खेल विभाग के अधिकारियों ने मेंटीनेंस के काम को टेंडर प्रक्रिया में उलझा दिया।

बहादुरगढ़ में भी हुई ऐसी ही दूसरी घटना 

रोहतक हादसे के कुछ ही दिनों बाद, बहादुरगढ़ के होशियार सिंह खेल स्टेडियम में भी लगभग समान घटना हुई। 15 वर्षीय अमन प्रैक्टिस कर रहा था, तभी पोल अचानक गिर गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे PGI रोहतक में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। दोनों घटनाएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि खेल ग्राउंड में लगे पोल की नियमित जांच और मेंटीनेंस नहीं होती।

सवालों के घेरे में खेल विभाग

हादसों के बाद खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने जिला खेल अधिकारी को सस्पेंड कर दिया और पंचायत की जमीन पर चल रही बास्केटबॉल नर्सरी को भी निलंबित किया। साथ ही, राज्य के सभी 22 जिलों के स्पोर्ट्स ऑफिसर को जिले में खेल संबंधी पूरी जानकारी तलब करने के आदेश दिए गए। रोहतक के जिला खेल अधिकारी सतेंद्र कुमार ने हादसे पर दुख जताते हुए बताया कि यह स्टेडियम स्कूल की संपत्ति है और यहां खेल विभाग की तरफ से रेसलिंग सेंटर चलता है। अधिकारी ने कहा कि पोल पहले से कमजोर था और बच्चों के चढ़ने से वह टूट गया। उन्होंने इसे “बड़ी अनदेखी और शर्म की बात” बताया और कहा कि लगातार दो घटनाओं ने सिस्टम की खामियों को उजागर कर दिया।

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घटना के तुरंत बाद एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें बास्केटबॉल कोच, स्टेडियम इंचार्ज और वरिष्ठ कोच शामिल हैं। यह कमेटी सभी ग्राउंड, उपकरण और खासकर पुराने पोलों की जांच कर रही है। अधिकारियों ने कहा कि सभी पुराने और खराब उपकरण हटाए जाएंगे और विभाग से नए पोल लगाने के लिए फंड की मांग भेजी जाएगी। सतेंद्र कुमार ने साफ किया कि आगे इस तरह की गलती दोबारा न हो, इसके लिए पूरी व्यवस्था में सुधार करना बेहद जरूरी है।

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