हरियाणा सरकार जल्द से जल्द दादूपुर नलवी नहर का करें निर्माण- विजय बंसल
विजय बंसल एडवोकेट ने दादूपुर-नलवी नहर को डी-नोटिफाई करने का कानून रद्द करने के फैसले का किया स्वागत
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़: शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष एवं हरियाणा किसान कांग्रेस प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा गत 20 दिसंबर 2024 को हरियाणा सरकार के दादूपुर- नलवी नहर को डी नोटिफाई करने के कानून को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया है। बता दें कि हरियाणा प्रदेश सरकार ने दादूपुर नलवी नहर को डी नोटिफाई करने का कानून बनाकर इस परियोजना से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे।
हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण संबंधी कानून में धारा 101 ए शामिल कर वर्ष 2018 में इस परियोजना को डी नोटिफाई कर समाप्त कर दिया था। इस विषय में विजय बंसल एडवोकेट ने उक्त मामले के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को उनकी जीत के लिए बधाई देते हुए कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का यह निर्णय ऐतिहासिक है। हरियाणा के मुख्यमंत्री से शीघ्र परियोजना को दोबारा से लागू कर नहर बनाने की मांग की है ताकि क्षेत्र के किसानों में खुशहाली आए।
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि इसी प्रकार शिवालिक क्षेत्र के किसानों की खुशहाली के लिए वर्ष 2004- 05 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा ताजेवाला बांध से रायपुररानी तक नहर बनाने की योजना के तहत अंबाला नारायणगढ़ नहर परियोजना को मंजूरी दी थी और इसके लिए 400 करोड रुपए भी मंजूर किए थे। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने उपरोक्त परियोजना को खर्चीला बताते हुए इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जबकि यह ताजेवाला से रायपुर रानी तक नहर के बनने से जहां एक और शिवालिक क्षेत्र के अंबाला और पंचकूला जिलों के किसानों के खेतों की सिंचाई होगी जिससे किसानों को लाभ मिलेगा वहीं दूसरी ओर तेजी से गिरते हुए भूजल स्तर में भी सुधार आएगा और किसानों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेलो पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1993 में तत्कालीन कांग्रेस की चौधरी भजनलाल की सरकार ने शिवालिक विकास बोर्ड का गठन कर शिवालिक क्षेत्र में सिंचाई ट्यूबवेल के लिए विशेष बजट का भी प्रावधान किया था जिसे बाद की सरकारों ने लगभग खत्म कर दिया है जिससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब किसानों को सिंचाई के लिए केवल वर्षा पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि शिवालिक विकास मंच की ओर से वे पिछले कई वर्षों से हरियाणा प्रदेश सरकार से रद्द की गई उक्त परियोजना को पुनः शुरू करने की मांग कई बार की थी। विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि वर्ष 2004 - 2005 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा दादूपुर नवी नहर का निर्माण कार्य शुरू किया था जो नहर ताजेवाला बांध से लेकर रायपुर रानी तक बनाई जानी थी।
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि शिवालिक क्षेत्र के कालका और पंचकूला से होकर जाने वाला पानी नीचे मैदानी इलाकों में काफी तबाही मचाता है इसी के मद्देनजर अंबाला- नारायणगढ़ नहर परियोजना के तहत नहर निर्माण करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए सरकार ने इस परियोजना के लिए लगभग 400 करोड़ रुपए भी मंजूर किए थे। लेकिन दुख की बात है कि सरकार ने इस परियोजना को खर्चीली बताते हुए इसे ठंडे बस्ती में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि यदि इस नहर का निर्माण होता है तो इससे अंबाला साहा, नारायणगढ़ और रायपुर रानी तक के क्षेत्र के किसानों के खेतों की सिंचाई होती और तेजी से गिरते हुए भूजल स्तर में भी सुधार होता और बेहद पिछड़े हुए शिवालिक क्षेत्र में खुशहाली आती।
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि शिवालिक क्षेत्र विशेष कर कालका, पंचकूला से होकर जाने वाले पानी का यहां के स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है यदि ताजेवाला बांध से लेकर रायपुर रानी तक उपरोक्त नहर का निर्माण हो जाएगा तो इसका लाभ पूरे क्षेत्र को मिलेगा। विजय बंसल एडवोकेट ने अब तक सरकारों द्वारा शिवालिक क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक की सरकारों ने निचले क्षेत्र में इतनी अधिक नहरे बना दी हैं कि वहां पर किसानों की जमीनों को सेम की समस्या उत्पन्न हो गई है वहीं शिवालिक क्षेत्र सूखे का शिकार हो रहा है यहां पर तेजी से भूजल स्तर भी गिर रहा है।
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