हरियाणा विधानसभा सत्र की शुरुआत, कांग्रेस बिना नेता प्रतिपक्ष के करेगी सरकार को घेरने की तैयारी
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और यह सत्र तीन दिन – 13, 14, और 18 नवंबर को आयोजित किया जाएगा।
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और यह सत्र तीन दिन – 13, 14, और 18 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। सत्र की खास बात यह है कि इस बार न तो प्रश्नकाल होगा और न ही शून्यकाल, जिसका विपक्ष और विशेषकर कांग्रेस के पास सीमित अवसर होंगे। इसके बावजूद कांग्रेस ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सत्तारूढ़ नायब सिंह सैनी की सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है।
कांग्रेस बिना नेता प्रतिपक्ष के सत्र में उतरेगी
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस, जिसमें 37 विधायक हैं, अब तक अपने नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है। कांग्रेस के सभी विधायकों ने सीएलपी नेता चुनने का अधिकार हाईकमान को सौंप दिया है, लेकिन पार्टी हाईकमान इस समय महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों में व्यस्त है, इसलिए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा चुनावों के बाद ही की जाएगी। इसके कारण कांग्रेस इस सत्र में बिना नेता प्रतिपक्ष के ही हिस्सा लेगी, लेकिन पार्टी ने सरकार के खिलाफ मुद्दों को लेकर रणनीति तैयार कर ली है।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस
विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, इस सत्र के दौरान दो मुख्य मुद्दों – डीएपी खाद की कमी और पराली जलाने की समस्या – पर सरकार को घेरने की योजना बना रही है। इन मुद्दों का किसानों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, और कांग्रेस इन समस्याओं के समाधान में सरकार की असफलता को उजागर करना चाहती है।
राज्यपाल का अभिभाषण और सत्र की संरचना
सत्र की शुरुआत राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण से होगी, जिसमें नायब सिंह सैनी सरकार का रोडमैप प्रस्तुत किया जाएगा। यह उम्मीद की जा रही है कि अभिभाषण संक्षिप्त रहेगा, और फरवरी के आखिरी या मार्च के पहले सप्ताह में बजट सत्र का आयोजन किया जाएगा।
विधानसभा का सत्र तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें 15 नवंबर को गुरु नानक देव जी की जयंती के उपलक्ष्य में अवकाश रहेगा, वहीं 16 और 17 नवंबर को भी छुट्टियां होंगी। इस प्रकार, 18 नवंबर को सत्र का अंतिम दिन होगा।
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