सातवीं बार विधानसभा पहुंचे अनिल विज, जनता में सबसे अधिक लोकप्रियता, जानिए अब तक पूरा इतिहास

 हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सातवीं बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं। ऐसे में हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि भारतीय जनता पार्टी आखिर किसे मुख्यमंत्री बनाएगी।

Oct 8, 2024 - 16:33
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सातवीं बार विधानसभा पहुंचे अनिल विज, जनता में सबसे अधिक लोकप्रियता, जानिए अब तक पूरा इतिहास
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चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ :  हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सातवीं बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं। ऐसे में हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि भारतीय जनता पार्टी आखिर किसे मुख्यमंत्री बनाएगी। हालांकि बीजेपी की ओर से चुनाव से पहले ही नायब सिंह सैनी को अपना अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया था, लेकिन चुनाव के दौरान अनिल विज की ओर से मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताने के बाद से ही लोगों में इस पद को लेकर चर्चा है। हरियाणा बीजेपी में सबसे कद्दावर नेता अनिल विज आज यानि 8 अक्टूबर को सातवीं बार विधानसभा के लिए निर्वाचित घोषित किए जा चुके हैं। ऐसे में हमने अनिल विज और अंबाला के राजनीतिक इतिहास से जुड़े कईं मुद्दों पर उनसे खास बातचीत की।

सवालः-कड़ी टक्कर के बाद अनिल विज ने फिर से जीत हासिल की है।

जवाबः- यह भारतीय जनता पार्टी की नीतियों की जीत है। मनोहर लाल जी जिस गति से देश को आगे ले जाना चाहते हैं और जो कुछ उन्होंने किया है, यह उसकी जीत है।

सवालः- आपके राजनीतिक जीवन की शुरूआत कैसे हुई ?

जवाबः- करीब 34 साल पहले 27 मई 1990 को तत्कालीन सातवीं हरियाणा विधानसभा में दो रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव हुए थे। उस समय ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री हुआ करते थे। तब दडवा कला हलके से जनता दल की टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और अंबाला कैंट से मैं विधायक निर्वाचित हुआ था। उस समय मेरी आयु 37 वर्ष की थी। बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया था। 2019 में हुए 14वीं विधानसभा के चुनाव में लगातार तीसरी बार और कुल छठी बार अंबाला छावनी से चुनाव जीता था। आज 8 अक्टूबर को सातवीं बार जीत हासिल की है।

सवालः-आपने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ा ?

जवाबः- करीब 57 वर्ष पूर्व ज्वाइंट पंजाब से अलग होने के बाद एक नवंबर 1966 को हरियाणा नया राज्य बना था। 13 विधानसभा चुनावों और एक उपचुनाव में अंबाला छावनी से सात बार भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी, वर्तमान भाजपा और पांच बार कांग्रेस ने विजयश्री हासिल की। मैने भी दो बार यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में जीत हासिल की हैं। सर्व प्रथम 1967 में हुए चुनाव में यहां से देवराज आनंद भारतीय जनसंघ के पी नाथ को हराकर अंबाला छावनी से पहले विधायक बने थे। 1991 में सातवीं हरियाणा विधानसभा समय से पूर्व भंग हो जाने पर उन्हें चुनाव लड़ना पड़ा और जून 1991 में मैने भाजपा की टिकट पर विजय हासिल की थी।

सवालः-आपने बीजेपी से अलग होकर अपनी राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी।

जवाबः- एक अप्रैल 1996 तथा फऱवरी 2000 में हुए दो विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर अंबाला कैंट से जीता हासिल की थी। 2007 में विकास परिषद के नाम से अपनी एक अलग राजनीतिक पार्टी भारतीय चुनाव आयोग से पंजीकृत करवाई थी, लेकिन 2009 में हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा फिर से भरोसा जताया और उन्हें भाजपा की टिकट दी गई। 2009, 2014, 2019 के बाद अब लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है।

सवालः-आपने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई थी।

जवाबः- मुझसे पहले बीजेपी की राष्ट्रीय नेता सुषमा स्वराज 1987 में विधानसभा के आम चुनाव में अंबाला छावनी से ही विधायक और मंत्री बनी थी। अप्रैल 1990 में सुषमा स्वराज को राज्यसभा के लिए निर्वाचित किया गया था, जिसके चलते उन्हें विधायक के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। भाजपा की इस दिवंगत नेत्री ने 1977 व 1987 में पहले जनसंघ और फिर भाजपा की टिकट पर अंबाला से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जनसंघ को अंबाला छावनी की सीट सबसे पहले 1968 में मिली, जब जनसंघ में उम्मीदवार रहे भगवान दास सहगल ने देव राज आनंद को पराजित किया था। सुषमा स्वराज भी अपने समय में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से थी, लेकिन उस समय भाजपा के पास अपना गणित नहीं था। भाजपा बैसाखी के सहारे चुनाव लड़ती थी। सुषमा स्वराज की यह इच्छा दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने पर पूरी हुई थी।

सवालः-क्या आप आज भी मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार है ?

जवाबः- देखिए मैं पार्टी का एक आज्ञाकारी वर्कर हूं। यदि पार्टी मुख्यमंत्री बनाती है, तो मैं इसके लिए तैयार हूं। मैं कोई दावा पेश नहीं करुंगा। इस जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार मिलकर हरियाणा में नॉन स्टॉप विकास करेगी।

सवालः-कांग्रेस ने तो सुबह जलेबियां बांट दी ?

जवाबः-जलेबियों की फैक्ट्री अभी खुली नहीं है। राहुल गांधी लेट उठते हैं। फिर पहले वह अपने कुत्तों को बिस्कुट खिलाएंगे हो सकता है आजकल जलेबियां खिलाते हो। फिर वह फैक्ट्री खोलेंगे, फिर भट्ठी में कोयला डालेंगे, फिर चिमनियों से धुआं निकलेंगा, फिर मजदूर आएंगे, फिर जलेबियां बनकर बाहर आएगी।

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