गोवर्धन पूजा 2024: कब है गोवर्धन पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है और विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में इसका महत्व है। इस वर्ष, गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, शनिवार को आयोजित की जाएगी।
गोवर्धन पूजा की तिथि
गोवर्धन पूजा कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा कर प्रकृति का सम्मान किया। यह पूजा ब्रज क्षेत्र से शुरू हुई थी और अब पूरे भारत में मनाई जाती है। कहा जाता है कि जब इंद्र ने गोकुलवासियों को सजा देने के लिए बारिश भेजी, तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर सभी की रक्षा की।
शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर, 2024 को शाम 6:16 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर, 2024 को रात 8:21 बजे समाप्त होगी। इस अवसर पर पूजा के लिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त होंगे:
- सुबह: 6:34 बजे से 8:46 बजे तक
- दोपहर: 3:23 बजे से 5:35 बजे तक
- शाम: 5:35 बजे से 6:01 बजे तक
पूजा विधि
गोवर्धन पूजा के दिन सबसे पहले स्नान करके शरीर पर तेल की मालिश करें। फिर, घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। इसके चारों ओर ग्वालपाल, पेड़ और पौधों की आकृति बनाएं। गोवर्धन पर्वत के बीच में भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और उनकी पूजा करें। अंत में, भगवान कृष्ण को पंचामृत और विशेष पकवानों का भोग लगाएं। यह मान्यता है कि इस दिन जो भक्त गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं, उनकी संतान से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
अन्नकूट का महत्व
गोवर्धन पूजा के दिन श्रद्धालु भगवान कृष्ण को 56 प्रकार के भोग अर्पित करते हैं, जिसे अन्नकूट कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से मिठाइयों और पकवानों का आयोजन किया जाता है, और कई मंदिरों में अन्नकूट समारोह मनाए जाते हैं।
गोवर्धन पूजा की कथा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के अभिमान को चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया। उन्होंने कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग बनाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया। तभी से यह परंपरा चल रही है, और हर साल गोवर्धन पूजा तथा अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है।
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