श्री माता वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, ये राज्य सरकार दे रही है 5 हजार रुपए की सब्सिडी
कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें तीर्थयात्रियों के लिए वित्तीय सहायता, धार्मिक भवनों का निर्माण, मंदिर की संपत्तियों की सुरक्षा और मंदिरों की प्रबंधन समितियों के गठन जैसे विषय शामिल थे।
कर्नाटक राज्य में धार्मिक मामलों से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी के नेतृत्व में आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के धार्मिक मामलों के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें तीर्थयात्रियों के लिए वित्तीय सहायता, धार्मिक भवनों का निर्माण, मंदिर की संपत्तियों की सुरक्षा और मंदिरों की प्रबंधन समितियों के गठन जैसे विषय शामिल थे।
श्री माता वैष्णो देवी यात्रा के लिए 5000 रुपये की सहायता
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कर्नाटक राज्य के तीर्थयात्रियों को अब श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए 5000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। इस कदम का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और उनकी यात्रा को सरल बनाना है।
धार्मिक भवन निर्माण
इसके अलावा, मुजराई विभाग ने राज्य के एमएस भवन के पास 3/4 एकड़ भूमि पर एक धार्मिक भवन बनाने का निर्णय लिया है। इस परियोजना पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे धार्मिक कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
मंदिर की संपत्तियों की सुरक्षा और अतिक्रमण हटाना
राज्य के मंदिरों की संपत्तियों के अतिक्रमण पर भी ध्यान दिया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिरों से संबंधित संपत्तियों का सर्वे किया जाएगा और यदि किसी संपत्ति पर अतिक्रमण पाया जाता है तो उसे तत्काल हटाया जाएगा। इसके अलावा मंदिर की संपत्तियों की सुरक्षा और उनके अभिलेखों को व्यवस्थित करने का भी निर्णय लिया गया।
विद्या सहाय धन योजना की तिथि बढ़ाई गई
मुजराई मंत्री ने यह भी घोषणा की कि विद्या सहाय धन योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि पहले 31 अक्टूबर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है। इस योजना के तहत गरीब बच्चों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है और अब अधिक से अधिक बच्चे इसका लाभ उठा सकेंगे।
प्रबंध समितियों का गठन
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 14 मंदिरों की प्रबंध समितियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनके लिए नई समितियों का गठन किया जाएगा। इसके अलावा 28 मंदिरों के लिए प्रबंध समितियों का गठन भी किया जाएगा। कुछ मंदिरों के लिए फिर से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, ताकि प्रबंध समिति का गठन किया जा सके।
बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य
इस बैठक में मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी के अलावा कई अन्य प्रमुख सदस्य भी उपस्थित थे, जिनमें के.एम. नागराज, द्वारकानाथ, के. चंद्रशेखर, महंतेश प्रभु शास्त्री, श्रीमती मल्लिका पक्कल, मठसिद्ध पंडितराध्या, राधाकृष्ण, श्रीवत्स केदिनथालय और डॉ. एम.वी. वेंकटेश आयुक्त शामिल थे। यह बैठक कर्नाटक राज्य में धार्मिक मामलों से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णयों की शुरुआत साबित हुई, जो राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक विकास में सहायक साबित होगी।
इस बैठक के बाद कर्नाटक में धार्मिक संस्थानों और तीर्थयात्रियों के लिए कई नई योजनाएं और व्यवस्थाएं शुरू की जा रही हैं, जो राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन को और समृद्ध करेंगी।
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