PM मोदी से लेकर राहुल गांधी तक किसने किया लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा खर्च? चुनाव आयोग ने जारी की रिपोर्ट
कांग्रेस, भाजपा, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कुछ अन्य दलों ने अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा साझा किया है।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों पर किए गए खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को सौंप दिया है। इस ब्यौरे में कई रोचक जानकारियां सामने आई हैं। अब तक कांग्रेस, भाजपा, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कुछ अन्य दलों ने अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा साझा किया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी ब्यौरे से पता चलता है कि प्रत्येक पार्टी ने अपने प्रमुख उम्मीदवारों के प्रचार पर कितनी राशि खर्च की। इसके अलावा, इस ब्यौरे से विभिन्न दलों की चुनावी रणनीतियों और प्राथमिकताओं का भी पता चलता है।
कांग्रेस ने चुनाव में कितना खर्च किया
राहुल गांधी के प्रचार पर खर्च
- वायनाड: कांग्रेस ने राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड के प्रचार पर 70 लाख रुपये खर्च किए।
- रायबरेली: इसी तरह रायबरेली में राहुल गांधी के प्रचार पर 70 लाख रुपये खर्च किए गए।
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने राहुल गांधी के प्रचार के लिए 1 करोड़ 40 लाख रुपये आवंटित किए।
अन्य प्रमुख नेताओं पर व्यय
केसी वेणुगोपाल, किशोरी लाल शर्मा (अमेठी), विजय इंदर सिंगला (आनंदपुर साहिब) और मणिकम टैगोर (विरुद्धनगर) को पार्टी फंड से 70-70 लाख रुपये मिले।
दिग्विजय सिंह, अनुपूर्णा सिंह, यशस्विनी सहाय जैसे नेताओं को खर्च के तौर पर 50 लाख रुपये दिए गए।
धुबरी के सांसद रकीबुल हसन
कांग्रेस ने रकीबुल हसन को पार्टी फंड से 75 लाख रुपये दिए।
विक्रमादित्य सिंह
कांग्रेस में पार्टी फंड से सबसे ज्यादा 87 लाख रुपये विक्रमादित्य सिंह को दिए गए। हालांकि, वे हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत से हार गए।
भाजपा ने किस उम्मीदवार को कितना पैसा दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के लिए 50 लाख रुपये आवंटित किए गए।
कंगना रनौत
मंडी: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के चुनाव प्रचार पर भी 50 लाख रुपये खर्च किए गए। कंगना रनौत ने भाजपा के टिकट पर मंडी सीट से चुनाव लड़ा था।
लल्लू सिंह
अयोध्या: भाजपा के टिकट पर अयोध्या से चुनाव लड़ने वाले लल्लू सिंह को उनके प्रचार के लिए 20 लाख रुपये आवंटित किए गए थे। हालांकि, लल्लू सिंह को सपा के अवधेश प्रसाद ने हरा दिया।
समाजवादी पार्टी के खर्च का ब्यौरा
अखिलेश यादव
कन्नौज: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को कन्नौज सीट से चुनाव लड़ने के लिए 60 लाख रुपये आवंटित किए गए। यह राशि चार किस्तों में दी गई।
डिंपल यादव
मैनपुरी: अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ने के लिए 72 लाख रुपये दिए गए।
अक्षय यादव
फिरोजाबाद: राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव, जिन्होंने फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़ा था, को 25 लाख रुपये दिए गए।
धर्मेंद्र यादव
आजमगढ़: आजमगढ़ से चुनाव लड़ने वाले धर्मेंद्र यादव को 20 लाख रुपये आवंटित किए गए।
अवधेश प्रसाद
फैजाबाद: फैजाबाद से सांसद चुने गए अवधेश प्रसाद को 20 लाख रुपए दिए गए।
रुचि वीरा
मुरादाबाद: मुरादाबाद से सांसद चुनी गईं रुचि वीरा को पार्टी फंड से 10 लाख रुपए दिए गए।
आदित्य यादव
शिवपाल यादव के बेटे: शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को सपा फंड से कोई राशि नहीं मिली।
टीएमसी के खर्च का ब्यौरा
प्रत्येक उम्मीदवार पर खर्च: टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में अपने 48 लोकसभा उम्मीदवारों पर 75-75 लाख रुपए खर्च किए।
कुल खर्च: टीएमसी ने लोकसभा चुनाव में कुल 36 करोड़ रुपए खर्च किए।
AAP के खर्च का ब्यौरा
चैतर बसवा (भरूच, गुजरात): सबसे अधिक 30 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्राप्त की।
कुलदीप कुमार (पूर्वी दिल्ली): 21 लाख रुपए की सहायता प्राप्त की।
सोमनाथ भारती (नई दिल्ली): 9 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्राप्त की।
अन्य क्षेत्र
पंजाब और हरियाणा: इन राज्यों में AAP ने किसी भी उम्मीदवार को पार्टी फंड से कोई वित्तीय सहायता नहीं दी।
AIMIM के खर्च का ब्यौरा
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने चुनाव आयोग को अपने खर्च का ब्यौरा सौंप दिया है। इसके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
उम्मीदवारों की संख्या: AIMIM ने पूरे भारत में 14 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे।
वित्तीय सहायता: पार्टी ने पार्टी फंड से केवल हैदराबाद से चुनाव लड़ने वाले असदुद्दीन ओवैसी को ही धन मुहैया कराया।
वित्तीय विवरण: पार्टी महासचिव अहमद पाशा कादरी ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी को उनके अभियान के लिए कुल 52 लाख रुपये दिए गए, जो दो किस्तों में वितरित किए गए।
अन्य उम्मीदवारों की स्थिति: अन्य सभी उम्मीदवारों को पार्टी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली।
BSP द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार
कोई फंडिंग नहीं: BSP ने किसी भी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए पार्टी फंड से कोई वित्तीय सहायता नहीं दी।
निर्वाचन क्षेत्र: बसपा ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा।
अन्य राज्यों में चुनाव: इसके अलावा, बसपा ने मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में भी अपने उम्मीदवार उतारे।
वित्तीय सहायता का अभाव: इन राज्यों में भी बसपा ने पार्टी फंड से उम्मीदवारों को कोई वित्तीय मदद नहीं दी।
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