छांगुर बाबा पर ED ने कसा शिकंजा, छांगुर के 14 ठिकानों पर की छापेमारी
बताया जा रहा है कि अधिकारियों को इन ठिकानों से कई अहम दस्तावेज मिले हैं। छापेमारी सुबह करीब 5 बजे शुरू हुई। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 12 और मुंबई में 2 ठिकानों पर छापेमारी की गई।

अवैध धर्मांतरण मामले में आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कसता जा रहा है। इसी मामले में आज (17 जुलाई 2025) सुबह ED की कई टीमों ने बलरामपुर से लेकर मुंबई तक छापेमारी की। कुल 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को इन ठिकानों से कई अहम दस्तावेज मिले हैं। छापेमारी सुबह करीब 5 बजे शुरू हुई। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 12 और मुंबई में 2 ठिकानों पर छापेमारी की गई।
अधिकारियों की एक टीम छांगुर बाबा के सहयोगी शहजाद से मुंबई के बांद्रा में पूछताछ कर रही है। शहजाद से उसके खाते में संदिग्ध लेनदेन के बारे में पूछताछ की जा रही है। शहजाद के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। शहजाद के खाते में करीब 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इसके बाद शहजाद ED के रडार पर आ गया।
अवैध रूप से धर्मांतरण का धंधा
आपको बता दें कि छांगुर बाबा पर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण रैकेट चलाने और हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन करने का आरोप है। ED इसी लेन-देन और मनी ट्रेल की जांच कर रही है। एजेंसी को शक है कि अवैध फंडिंग के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में धर्मांतरण की गतिविधियां संचालित की गई हैं। इसी सिलसिले में बलरामपुर के उतरौला इलाके में 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई है। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी ने शहजाद शेख समेत अन्य संदिग्ध लोगों के दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड और अन्य सबूत भी जुटाए हैं। ईडी की यह कार्रवाई फिलहाल जारी है और जांच एजेंसी जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकती है।
छांगुर बाबा जेल में है बंद
बलरामपुर जिले के निवासी जलालुद्दीन का असली नाम करीमुल्लाह शाह है। उसके बेटे महबूब और उसके साथियों नवीन उर्फ जमालुद्दीन और नीतू उर्फ नसरीन को हाल ही में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने गिरफ्तार किया था। ये सभी फिलहाल जेल में हैं। इससे पहले, ED ने कहा था कि जलालुद्दीन ने अपने और अपने साथियों से जुड़े 40 बैंक खातों में लगभग 106 करोड़ रुपये जमा किए थे, जिनमें से अधिकांश पश्चिम एशिया से प्राप्त हुए थे। एजेंसी का आरोप है कि जलालुद्दीन ने एक बड़ा नेटवर्क बनाया था जो बलरामपुर स्थित चांद औलिया दरगाह परिसर से संचालित होता था। यहीं पर वह नियमित रूप से भारतीय और विदेशी नागरिकों की बड़ी सभाएँ आयोजित करता था।
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