जयराम ठाकुर के सरकारी आवास पर मंडरा रहे ड्रोन घरों की मैपिंग के लिए तैनात किए गए थे: अधिकारी
हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के सरकारी आवास पर मंडरा रहे ड्रोन निगरानी के लिए नहीं, बल्कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) द्वारा 24 घंटे जलापूर्ति योजना के तहत घरों की मैपिंग के लिए तैनात किए गए थे। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के सरकारी आवास पर मंडरा रहे ड्रोन निगरानी के लिए नहीं, बल्कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) द्वारा 24 घंटे जलापूर्ति योजना के तहत घरों की मैपिंग के लिए तैनात किए गए थे। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
विधानसभा में शुक्रवार को ठाकुर के इस आरोप के बाद खलबली मच गई थी कि उनके आवास की ड्रोन से निगरानी की जा रही है और इनका (ड्रोन का) संचालन स्थानीय पुलिस अधीक्षक (एसपी) के निवास से किया जा रहा है। हालांकि एसजेपीएनएल ने यह कहते हुए मामला रफा-दफा कर दिया कि सरकार की अनुमति से कंपनी द्वारा ड्रोन के जरिए घरों की मैपिंग के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा था।
एसजेपीएनएल के प्रबंध निदेशक देवेंद्र ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मानचित्रण शिमला शहर में 24 घंटे जलापूर्ति परियोजना के लिए डेटा संग्रह और नियोजन का एक हिस्सा है।’’
उन्होंने कहा कि एसजेपीएनएल को पांच अगस्त से नौ सितंबर 2024 तक सभी संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग के लिए नगर निगम क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने की राज्य सरकार से अनुमति मिली थी।
अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन सर्वेक्षण राज्य की राजधानी के लिए पानी की पाइपलाइन नेटवर्क को डिजाइन करने और बिछाने के लिए एक प्रभावी मानचित्रण अभ्यास है।
उन्होंने कहा कि हर वार्ड का सर्वेक्षण किया जा रहा है और तस्वीरें भी ली जा रही हैं, इसके अलावा हर घर में पानी की खपत का रिकॉर्ड भी लिया जा रहा है।
वर्ष 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (अब विधानसभा में विपक्ष के नेता) ने इस परियोजना के प्रथम चरण की आधारशिला रखी थी तथा एसजेपीएनएल ने परियोजना के 872 करोड़ रुपये के दूसरे चरण की जिम्मेदारी स्वेज इंडिया कंपनी को दी थी।
विपक्ष के नेता ने विधानसभा में आरोप लगाया था कि उनके सरकारी आवास पर निगरानी रखी जा रही है । उन्होंने कहा था कि ड्रोन ने चार चक्कर लगाए तथा लगभग उनके दरवाजे व खिड़कियों तक पहुंच गया था।
प्रश्नकाल के दौरान व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए ठाकुर ने कहा था कि जब उन्होंने ड्रोन के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि ड्रोन का संचालन शिमला पुलिस अधीक्षक के आवास के पास से किया जा रहा था।
आरोपों का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि ड्रोन से कोई निगरानी नहीं की जा रही है। साथ ही कहा कि वह केंद्रीय एजेंसियों, ईडी व सीबीआई को पत्र लिखकर जानकारी लेंगे कि क्या वे ऐसा कर रहे हैं, तथा मामले की जांच करवाएंगे।
सुक्खू ने कहा था कि उनकी सरकार जासूसी में विश्वास नहीं रखती लेकिन वह विपक्ष के नेता की सुरक्षा को लेकर चिंतित है और यदि आवश्यकता पड़ी तो पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
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