Delhi : दिल्ली-NCR में आज भी प्रदूषण का कहर, सड़कों पर लोग धुंध से परेशान

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। आज सुबह राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 411 दर्ज किया गया, जो सीधे तौर पर ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में आता है।

Dec 16, 2025 - 11:12
Dec 16, 2025 - 11:12
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Delhi : दिल्ली-NCR में आज भी प्रदूषण का कहर, सड़कों पर लोग धुंध से परेशान
Delhi AQI

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। आज सुबह राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 411 दर्ज किया गया, जो सीधे तौर पर ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में आता है। कई इलाकों में हालात इससे भी ज्यादा चिंताजनक हैं, जहां सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। प्रदूषण का असर सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे एनसीआर और आसपास के राज्यों को भी अपनी चपेट में ले चुका है।

विभिन्न इलाकों में AQI की स्थिति

रोहिणी: 449 - बेहद गंभीर

नई दिल्ली: 411 - बेहद गंभीर

आनंद विहार: 402 - बेहद गंभीर

द्वारका: 408 - बेहद गंभीर

गाजियाबाद: 386 - बहुत खराब

गुरुग्राम: 378 - बहुत खराब

घने कोहरे से हवाई यातायात पर गहरा असर

प्रदूषण के साथ-साथ घने कोहरे ने भी जनजीवन को प्रभावित किया है। विजिबिलिटी बेहद कम होने के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार को हवाई परिचालन बुरी तरह बाधित रहा। खराब दृश्यता के चलते 228 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिनमें 131 प्रस्थान और 97 आगमन शामिल हैं। इसके अलावा पांच उड़ानों को वैकल्पिक हवाई अड्डों की ओर मोड़ दिया गया।

दिल्ली एयरपोर्ट के संचालक DIAL ने बताया कि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए सभी संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर सहायता की जा रही है। इंडिगो सहित कई एयरलाइनों ने भी बयान जारी कर कहा कि घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण दिल्ली और उत्तरी भारत के अन्य हवाई अड्डों पर उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ है। यात्रियों की सुरक्षा और लंबी प्रतीक्षा से बचने के लिए कुछ उड़ानें एहतियातन रद्द की गईं।

बच्चों की सेहत को लेकर सख्त निर्देश

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कड़े कदम उठाए हैं। आयोग ने दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों में आउटडोर खेल और शारीरिक गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। CAQM ने साफ किया है कि निर्देशों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा प्रदूषण स्तर बच्चों के फेफड़ों और श्वसन तंत्र के लिए बेहद खतरनाक है।

डॉक्टरों ने इस स्तर के प्रदूषण को बेहद नुकसानदायक बताया है। इससे अस्थमा, सांस फूलना, आंखों में जलन और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। लोगों को सलाह दी गई है कि जब तक जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। बाहर जाते समय मास्क का इस्तेमाल करें और भारी शारीरिक गतिविधियों से बचें।

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