Delhi News: JNU रिपोर्ट में बड़ा खुलासा ! दिल्ली में अवैध आप्रवासियों का बढ़ता संकट
Delhi News: हाल ही में, दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें राजधानी दिल्ली में अवैध आप्रवासियों की बढ़ती संख्या और उनके प्रभाव पर चिंता जताई गई है।

Delhi News: हाल ही में, दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें राजधानी दिल्ली में अवैध आप्रवासियों की बढ़ती संख्या और उनके प्रभाव पर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों से बड़ी संख्या में आप्रवासी दिल्ली में आकर सीलमपुर, जामिया नगर, जाकिर नगर, सुल्तानपुरी, मुस्तफाबाद, जाफराबाद, द्वारका, गोविंदपुरी जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बस जाते हैं। इन इलाकों में इन आप्रवासियों की उपस्थिति स्थानीय संसाधनों पर दबाव डालती है और सामाजिक सामंजस्य को प्रभावित करती है।
इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर, नगर निगम कमिश्नर और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अवैध आप्रवासियों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें। विशेष रूप से, उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पहचान पत्र प्राप्त करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है।
दिल्ली पुलिस ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं। दिसंबर 2024 में, दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस ने कालिंदी कुंज इलाके में अभियान चलाकर अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की। इस दौरान, कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा गया, जिन्होंने अपने पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं किए। पुलिस ने उनकी जानकारी रिकॉर्ड की और आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को सूचित किया।
हालांकि, इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद जेएनयू में विवाद भी उत्पन्न हुआ है। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि इस रिपोर्ट का उद्देश्य कुछ राजनीतिक संगठनों द्वारा प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया गया है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मुद्दे पर स्पष्टता की मांग की है।
इस प्रकार, दिल्ली में अवैध आप्रवासियों की बढ़ती संख्या और उनके प्रभाव पर विभिन्न स्तरों पर चर्चा और कार्रवाई हो रही है। यह आवश्यक है कि सभी संबंधित पक्ष मिलकर इस समस्या का समाधान खोजें, ताकि दिल्ली की सामाजिक और आर्थिक संरचना पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
What's Your Reaction?






