देश की आर्थिक गति बरकरार, 6.5 से 7 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने की उम्मीद: वित्त मंत्रालय
22 अगस्त (भाषा) अनियमित मानसून के बावजूद भारत की आर्थिक गति बरकरार है और आर्थिक समीक्षा में 6.5 से 7.0 प्रतिशत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का अनुमान सही जान पड़ता है।
22 अगस्त (भाषा) अनियमित मानसून के बावजूद भारत की आर्थिक गति बरकरार है और आर्थिक समीक्षा में 6.5 से 7.0 प्रतिशत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का अनुमान सही जान पड़ता है। वित्त मंत्रालय की बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। जुलाई की मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों में अपनी गति बनाए रखी है।
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार (अप्रैल-जुलाई) महीनों में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह कर आधार के विस्तार तथा आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के दम पर मुमकिन हुआ। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के क्रय प्रबंधकों के सूचकांक के मजबूत प्रदर्शन से भी घरेलू गतिविधियों में मजबूती का पता चलता है। विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि का कारण मांग का बढ़ना, नए निर्यात ऑर्डर में तेजी तथा उत्पादन कीमतों का बढ़ना है।’’
रिपोर्ट में कहा गया, खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई 2024 में घटकर 3.5 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर 2019 के बाद सबसे कम है। यह खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी का नतीजा है। दक्षिण-पश्चिम मानसून में स्थिर प्रगति ने खरीफ की बुवाई का समर्थन किया है। इसमें कहा गया है कि जलाशयों में जल स्तर का फिर से बढ़ना मौजूदा खरीफ तथा आगामी रबी फसल के उत्पादन के लिए अच्छा संकेत है। इससे आने वाले महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ मुद्रास्फीति कम हो रही है और वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहा है। शेयर बाजार अपने स्तर पर बने हुए हैं। सकल प्रवाह बढ़ने के कारण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ रहा है।’’ इसमें कहा गया, फिलहाल 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.5-7.0 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान उचित जान पड़ता है।
What's Your Reaction?