बांग्लादेश की स्थिति पर सांसद चिंतित, उम्मीद जताई कि भारत के हितों की रक्षा की जाएगी

प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के मद्देनजर बांग्लादेश में उभरती स्थिति को देखते हुए भारत के विभिन्न दलों के कई सांसदों ने चिंता जताई है। हसीना ने अपनी सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन और अंतरिम सरकार द्वारा सत्ता संभाले जाने की संभावना के बीच यह कदम उठाया।

Aug 5, 2024 - 21:38
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बांग्लादेश की स्थिति पर सांसद चिंतित, उम्मीद जताई कि भारत के हितों की रक्षा की जाएगी

प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के मद्देनजर बांग्लादेश में उभरती स्थिति को देखते हुए भारत के विभिन्न दलों के कई सांसदों ने चिंता जताई है। हसीना ने अपनी सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन और अंतरिम सरकार द्वारा सत्ता संभाले जाने की संभावना के बीच यह कदम उठाया।

कई राजनयिक सूत्रों ने बताया कि हसीना भारत के रास्ते लंदन जा रही हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि हसीना को ले जाने वाला बांग्लादेश वायुसेना का सैन्य परिवहन विमान उन्हें भारत से आगे ले जाएगा या वे किसी अन्य विमान से लंदन जायेंगी।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पड़ोसी देश में बदल रही स्थिति संवेदनशील है और उम्मीद है कि सरकार मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में इस पर बयान देगी।

बीजू जनता दल (बीजेडी) के नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर भारत सरकार के रुख का समर्थन करेगी। पात्रा ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में स्थिति तेजी से बदल रही है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता वी शिवदासन ने दावा किया कि देश में आर्थिक संकट के कारण ही यह स्थिति पैदा हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश में स्थिति मूल रूप से आर्थिक संकट का परिणाम है। बेरोजगारी बढ़ रही है और विद्यार्थी नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने युवाओं को नौकरी नहीं दी है। इसके अलावा सरकार की तानाशाहीपूर्ण कार्यशैली भी एक अन्य कारण है।’’

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) नेता पी संदोष कुमार ने हसीना को ‘तानाशाह’ करार दिया और कहा कि उनका इस्तीफा ‘स्वागत योग्य’ है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि लोग तानाशाहों को स्वीकार नहीं करेंगे।

कुमार ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे। चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली और हिंसा हुई। विपक्ष का यह आरोप सही था कि सत्तारूढ़ मोर्चे ने चुनावों में बाधा डाली। अब फिर से साबित हो गया कि तानाशाह टिक नहीं सकते।’’

सीपीआई नेता ने कहा कि ऐसे कई शासक हैं और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इसका एक उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि कल ये शासक भाग जाएंगे और दुनिया अधिक लोकतांत्रिक होगी।’’

शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार बांग्लादेश में भारतीयों के हितों का ख्याल रखेगी।

चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल खेदजनक है। खासकर इसलिए क्योंकि यह हमारे देश का लंबे समय से सहयोगी रहा है और उसका विकास सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार तय करेगी कि कौन से कदम उठाने की जरूरत है।

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