मथुरा में जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की
मथुरा-वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर उमड़ी भीड़ के बीच सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय मथुरा प्रवास के दूसरे दिन सोमवार सुबह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचे और उन्होंने ठाकुर केशवदेव, गर्भगृह एवं भागवत भवन के युगल सरकार का दर्शन व पूजन कर जगत कल्याण की कामना की।
मथुरा-वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर उमड़ी भीड़ के बीच सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय मथुरा प्रवास के दूसरे दिन सोमवार सुबह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचे और उन्होंने ठाकुर केशवदेव, गर्भगृह एवं भागवत भवन के युगल सरकार का दर्शन व पूजन कर जगत कल्याण की कामना की।
मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है और देश के कोने-कोने और विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। इस बीच श्री राधारमण मंदिर, श्री राधा दामोदर मंदिर एवं श्री शाह बिहारी मंदिर प्रबंधन ने बताया कि इन तीनों मंदिरों में अन्य मंदिरों में रात्रि कालीन अभिषेक की परंपरा के विपरीत मंगलवार (कल) सुबह अभिषेक किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक खाते से संस्कृत के एक श्लोक के साथ पोस्ट किया “भुवो भरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं यशोमतीकिशोरकं नमामि चित्तचोरकम्। दृगन्तकान्तभङ्गिनं सदासदालसङ्गिनं दिने दिने नवं नवं नमामि नन्दसम्भवम्॥”
योगी ने पोस्ट में कहा, “पावन नगरी मथुरा में आज योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण और श्री राधा रानी के दिव्य और मनोहारी स्वरूप के दर्शन-पूजन किए। दुःखभंजन, यशोदानंदन, भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधा जी की अनुकम्पा संपूर्ण सृष्टि पर बनी रहे, चराचर जगत का कल्याण हो। कृष्ण कन्हैया लाल की जय! वृंदावन बिहारी लाल की जय!”
लखनऊ में जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार श्रीकृष्ण के 5251 वें जन्मदिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचे और वहां उन्होंने श्रीकृष्ण का दर्शन-पूजन किया। योगी ने जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान से प्रदेशवासियों को संबोधित भी किया।
बयान के अनुसार योगी ने अपने संबोधन में कहा, “आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व है। 5251 वर्ष पूर्व श्री हरि भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार के रूप में लीलाधर भगवान श्रीकृष्ण ने मां देवकी व वासुदेव के पुत्र के रूप में इस धरा धाम पर अवतरित होकर धर्म, सत्य और न्याय की स्थापना का कार्य द्वापर युग में पूर्ण करके श्रीमद्भागवत के शाश्वत मंत्रों के माध्यम से नई संजीवनी दी।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “यही कामना करता हूं कि प्रभु की कृपा से देश व प्रदेश पर सुख, समृद्धि बरसती रहे। पांच हजार वर्ष पूर्व उन्होंने धर्म के पथ का अनुसरण करने, सत्य व न्याय का संदेश दिया था, उस मार्ग का अनुसरण करते हुए हम सभी लोकमंगल व राष्ट्रमंडल के अभियान के प्रति पूर्ण समर्पण भाव के साथ कार्य कर सकें।”
योगी ने श्रद्धालुओं के लिए कामना करते हुए कहा, “प्रभु आपको इतनी शक्ति दें कि व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्रीय जीवन मंगलमय व शुभ हो। आप सभी मिलकर विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए तैयार हो सकें।”
रविवार को जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर योगी ने वृंदावन पहुंचकर बांके बिहारी का दर्शन-पूजन किया था। योगी ने कहा कि आज जन्माष्टमी के पावन अवसर पर सभी श्रद्धालुजन यहां पर दर्शनार्थ आए हैं। मैं उत्तर प्रदेश सरकार व जनता-जनार्दन की तरफ से सभी का अभिनंदन व स्वागत करता हूं। मुख्यमंत्री ने वेटनरी कॉलेज के अशोका अतिथि गृह परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ के अंतर्गत रुद्राक्ष का पौधा लगाया। इसके पहले सीएम ने लखनऊ, प्रयागराज व गोरखपुर में 20 जुलाई को ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाया था।
मंदिर प्रबंधन ने अंगवस्त्र व प्रसाद भेंट कर उनका स्वागत किया। रविवार को मथुरा में मुख्यमंत्री ने 5251 वें कृष्ण जन्मोत्सव की शुरुआत करने के साथ ही 10.67 अरब की 178 विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था। इसके बाद वह देर शाम वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी के दर्शन करने पहुंचे थे।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित अनेक मंदिरों में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर उनका अभिषेक मध्य रात्रि किए जाने की परंपरा के विपरीत वृन्दावन के तीन मंदिरों (श्री राधारमण मंदिर, श्री राधा दामोदर मंदिर एवं श्री शाह बिहारी मंदिर) में उनका अभिषेक दिन में ही किए जाने की परंपरा चली आ रही है।
जानकारों ने बताया कि ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि, ब्रज में ठाकुरजी के बाल स्वरूप की ही सेवा-पूजा किए जाने की परम्परा है। उनका मानना है कि ऐसा करना माता यशोदा को बिल्कुल भी नहीं भाता है। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से रात्रि में निद्रामग्न लाला को कष्ट होगा। इसलिए इन मंदिरों में दिन में ही ठाकुर जी का अभिषेक करा दिया जाता है। इस बार अभिषेक मंगलवार (कल) सुबह किया जाएगा।
ठा. शाह बिहारी मंदिर के स्वामी एडवोकेट प्रशांत शाह ने बताया कि मंगलवार सुबह मंदिर के पुजारी गोवर्धन शर्मा ठाकुर जी के अभिषेक से पूर्व गणेश पूजन एवं कलश पूजन की परम्परा निभाएंगे। तत्पश्चात पंचामृत से ठाकुरजी का अभिषेक करेंगे।
श्री राधा-दामोदर मंदिर के प्रधान सेवक कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि ठा. राधा दामोदर मंदिर की स्थापना चैतन्य महाप्रभु ने संवत 1599 में माघ शुक्ल दशमी के अवसर पर की थी, जबकि उनके शिष्य रूप गोस्वामी ने विग्रहों की स्थापना की और सेवा का भार जीव गोस्वामी को सौंप दिया।
इसी प्रकार, ठा. राधारमण मंदिर के सेवायत आचार्य पद्मनाभ गोस्वामी ने बताया कि शालिग्राम शिला से प्रकट विग्रह का महाभिषेक पांच सदी पुरानी परम्परा के अनुसार पूर्ण विधि-विधान से किया जाता है। अभिषेक की प्रक्रिया मंगलवार प्रातः नौ बजे प्रारंभ होकर ढाई-तीन घंटे तक चलेगी।
वहीं, मथुरा में अब पर्यटक क्रूज में बैठकर सुरक्षित तरीके से यमुना नदी में जल विहार कर सकेंगे।
उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि मथुरा आने वाले पर्यटकों एवं स्थानीय निवासियों के लिए अब क्रूज का इंतजार समाप्त हो गया है। रविवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कई अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ यमुना नदी में क्रूज चलाए जाने की योजना की भी शुरुआत कर दी गयी है।
उन्होंने बताया कि इस क्रूज का संचालन प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर किया जा रहा है। इसका संचालन एलकेमी समूह की कंपनी मथुरा क्रूज लाइन प्राइवेट लिमिटेड करेगी। 125 सीटर क्रूज में एक बार में पर्यटक 450 रुपये का टिकट लेकर 45 मिनट का सफर कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि फिलहाल इसे बंगाली घाट से चलाने की योजना है और इस क्रूज को ‘गरुड़’ नाम दिया गया है। पर्यटकों को जिस स्थान से क्रूज में बैठाया जाएगा, उन्हें उसी स्थान पर उतारा जाएगा।
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