केरल के मलप्पुरम में मिला 'निपाह वायरस' का केस, 14 साल का लड़का संक्रमित
केरल के मलप्पुरम में निपाह वायरस का मामला सामने आया है। इस वायरस से 14 साल का बच्चा संक्रमित हुआ है।
केरल के मलप्पुरम में निपाह वायरस का मामला सामने आया है। इस वायरस से 14 साल का बच्चा संक्रमित हुआ है।बता दें कि केरल में निपाह वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बीते शनिवार को मलप्पुरम जिले में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें निपाह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि 214 लोग प्राथमिक संपर्क सूची में हैं, जबकि 60 उच्च जोखिम वाले हैं। वहीं, संपर्क सूची में शामिल सभी लोगों को आइसोलेट किया जाएगा।
राज्य सरकार ने हाल ही में निपाह वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए गाइडलाइन तैयार की है। इसके तहत लोगों से चमगादड़ों के घरों को नहीं हटाने का आग्रह किया, क्योंकि उन्हें परेशान करने से वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही उन फलों को भी खाने से मना किया है, जिसे पक्षियां पहले ही काट चुकी हो। निपाह वायरस चमगादड़ और सुअर जैसे जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। बता दें कि इस बीमारी की मरने वालों की दर बहुत ज्यादा है। अब तक इसका कोई ट्रीटमेंट या इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है।
क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस (NiV) जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है। इसे जूनोटिक डिजीज कहा जाता है।ये चमगादड़ों और सुअर से इंसानों में फैल सकता है। यह वायरस बुखार, उल्टी, सांस की बीमारी और मस्तिष्क में सूजन का कारण बन सकता है।
क्या लक्षण हैं?
सामान्य वायरल बुखार के लक्षण उत्पन्न करने के अलावा, यह संक्रमण तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है। इससे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप एन्सेफलाइटिस या मस्तिष्क की सूजन होती है।इससे 24 से 48 घंटे में मरीज कोमा में जा सकता है।
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