कैबिनेट मंत्री महीपाल ढांडा ने खोला राज, जानिए देश में कैसे शुरू हुई किसानों की पेंशन ?

महीपाल ढांडा ने बताया कि कांग्रेस ने देश में 60 साल तक एक छत्र राज किया। उन्होंने चैलेंज करते हुए कहा कि 60 साल के राज में कांग्रेस का कोई एक नेता बता दें कि उन्होंने देश के हर किसान के लिए कोई एक काम भी किया हो।

Oct 19, 2024 - 12:40
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कैबिनेट मंत्री महीपाल ढांडा ने खोला राज, जानिए देश में कैसे शुरू हुई किसानों की पेंशन ?
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चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में भी राजनीति अधिकतर किसानों के आसपास ही घूमती है। इसलिए हर सरकार की ओर से अपने घोषणा पत्र के अलावा अपने शासन के दौरान किसानों के हित में कईं घोषणाएं करने के अलावा उनके हित में कई प्रकार के काम भी किए जाते हैं। अब एक बार फिर से हरियाणा सरकार के मंत्री महीपाल ढांडा ने देश में किसानों को मिलने वाली पेंशन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ढांडा ने बताया कि कैसे देश के किसानों को पेशन मिलने की प्रक्रिया शुरू हुई और साथ ही किसानों को कैसे एक लाख रुपए तक बिना ब्याज के ऋण देने का क्रम बना।

महीपाल ढांडा ने बताया कि कांग्रेस ने देश में 60 साल तक एक छत्र राज किया। उन्होंने चैलेंज करते हुए कहा कि 60 साल के राज में कांग्रेस का कोई एक नेता बता दें कि उन्होंने देश के हर किसान के लिए कोई एक काम भी किया हो। उन्होंने कहा कि आज किसान संगठनों के नाम पर कुछ मैनुपलेटिड लोग सरकार पर सवाल उठाने का काम करते हैं। ढांडा ने उन लोगों से पूछा कि वह यह बता दें कि पिछले 60 साल के दौरान उन लोगों ने किसानों के हित में किसी सरकार से कोई क्रांतिकारी कदम उठवाया हो। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर देश के किसानों को पेंशन मिलनी शुरू हुई। देश में सबसे पहले चौधरी देवीलाल ने हरियाणा के बुजुर्गों को 100 रुपए पेंशन देने की शुरूआत की थी, जो आज 3 हजार रुपए तक हो गई है। इसी प्रकार से किसानों के हित को देखते हुए उन्होंने केंद्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर उनसे प्रार्थना की कि किसानों के लिए भी कोई पेंशन होनी चाहिए। इस पर प्रधानमंत्री ने 6 हजार रुपए हर किसान की पेंशन देने का काम शुरू किया, जिसे अब बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया है।

‘बीजेपी ने बनाई थी बिना ब्याज लोन की पॉलिसी’

महीपाल ढांडा ने बताया कि 60 साल तक देश में राज करने वाली कांग्रेस और किसी अन्य दल ने किसान के हित में कोई योजना नहीं बनाई। ऐसे में किसान मोर्चा का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने पर उनके सामने मुद्दा उठाया कि कोई भी फैक्ट्री संचालक किसी भी बैंक में अपना खाता खुलवाकर उस पर लोन और सब्सिडी दोनों ले लेता है, लेकिन किसान को उसका लाभ नहीं मिल पाता था। इस पर महज कुछ ही दिनों की सरकार के बावजूद किसान को एक एकड़ पर 40 हजार रुपए से एक लाख रुपए तक बिना ब्याज का लोन दिए जाने की लिमिट बनाने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया। पहले किसानों को उसकी फसल की पेमेंट किश्तों में धक्के खिलाने के बाद दी जाती थी। अब 72 घंटे में किसान को उसकी फसल का भुगतान किया जाता है। 

‘किसान हितैषी बनने वाले दल MSP पर खरीदें उनकी फसल’

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि किसान के हित की बात करने वाले लोग अपने राज्य में उन्हें एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं देते ? हरियाणा में बीजेपी सरकार 24 फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है। जब हम लोग अपने राज्य में हर फसल को एमएसपी पर खरीदने की गारंटी दे सकते हैं तो किसान हितैषी बनने वाले दूसरे दल क्यों नहीं अपने राज्य में किसान की हर फसल को एमएसपी पर खरीदने का काम करते। 

‘जनता की पीठ नहीं लगने देंगे’

महीपाल ढांडा ने कहा कि भविष्य में उन्हें जो भी विभाग दिया जाएगा, उसे वह अपना 100 प्रतिशत योगदान ईमानदारी से देंगे। जनता के विकास में आड़े आ रही चुनौतियों को समझकर उनके पार जाने की कोशिश की जाएगी। जनता ने जिस प्रकार से उन्हें और उनकी पार्टी पर विश्वास जताया है, तो वह इतना कह सकते हैं कि वह जनता की पीठ नहीं लगने देंगे।

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