CJI बी.आर. गवई आज होंगे रिटायर, कल जस्टिस सूर्यकांत 53वें मुख्य न्यायाधीश की लेंगे शपथ
विदाई संबोधन के दौरान जस्टिस गवई ने भावुक होते हुए कहा कि वे अपने चार दशक लंबे न्यायिक सफर के अंत में खुद को “न्याय का विद्यार्थी” समझते हुए इस महान संस्था से विदा ले रहे हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई आज सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो रहे हैं। शुक्रवार को उनका आख़िरी कार्यदिवस भावुक पलों से भरा रहा। अदालत कक्ष में उपस्थित न्यायाधीशों, वकीलों और अधिकारियों ने उनके कार्यकाल और योगदान की सराहना की।
40 साल की न्यायिक यात्रा को बताया ‘संतोषजनक’
विदाई संबोधन के दौरान जस्टिस गवई ने भावुक होते हुए कहा कि वे अपने चार दशक लंबे न्यायिक सफर के अंत में खुद को “न्याय का विद्यार्थी” समझते हुए इस महान संस्था से विदा ले रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा-
“आप सभी की भावनाएं सुनकर मेरी आवाज रुक-सी गई। जब मैं इस अदालत कक्ष से बाहर जाऊंगा, तो इस संतोष के साथ कि मैंने देश के लिए जो कर सकता था, वह किया।”
जस्टिस गवई ने वकील से लेकर हाईकोर्ट जज, सुप्रीम कोर्ट जज और आखिरकार CJI बनने तक की अपनी यात्रा को बेहद संतोषजनक और सीखों से भरी बताया।
24 नवंबर को शपथ लेंगे नए CJI- जस्टिस सूर्यकांत
सोमवार, 24 नवंबर, को राष्ट्रपति भवन में जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। इस कार्यक्रम में भूटान, केन्या, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस और ब्राज़ील सहित कई देशों के मुख्य न्यायाधीश भी मौजूद रहेंगे। यह समारोह भारतीय न्यायपालिका के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण माना जा रहा है।
लंबित मामलों के निपटारे पर होगा नए CJI का सबसे बड़ा फोकस
जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट किया कि उनके कार्यकाल की सर्वोच्च प्राथमिकता देशभर की अदालतों में लंबित मामलों को तेजी से निपटाना होगी। उन्होंने कहा कि:
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वर्षों से अटके मुकदमों की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
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लोगों में यह समझ विकसित की जाएगी कि हाईकोर्ट भी संवैधानिक अदालतें हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट आने से पहले हाईकोर्ट में अपील करना ज़रूरी है।
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न्याय की गति बढ़ेगी और अदालतों के बीच समन्वय और मजबूत होगा।
न्याय व्यवस्था में सुधार और आधुनिकता पर जोर
जस्टिस सूर्यकांत ने संकेत दिया कि उनके कार्यकाल में न्यायपालिका को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और आधुनिक बनाने के लिए कई नए कदम उठाए जाएंगे। उनकी प्राथमिकताएँ होंगी:
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पुरानी लंबित फाइलों का निपटारा
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डिजिटल न्याय प्रणाली को और मजबूत बनाना
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बेंच संचालन की दक्षता बढ़ाना
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तकनीक आधारित सुधारों को बढ़ावा देना
उन्होंने कहा कि आधुनिक दृष्टिकोण को अपनाकर न्यायपालिका को जनता के और करीब लाया जाएगा।
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