राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि को खुद की टिकट कटने से ज्यादा पैराशूट नेता को टिकट मिलने का दर्द, बोले-पार्टी कार्यकर्ता को मिलनी चाहिए थी टिकट

हरियाणा के विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के बाद पार्टी में मचा बवाल रुक नहीं रहा है।

Sep 7, 2024 - 09:57
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राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि को खुद की टिकट कटने से ज्यादा पैराशूट नेता को टिकट मिलने का दर्द, बोले-पार्टी कार्यकर्ता को मिलनी चाहिए थी टिकट

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा के विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के बाद पार्टी में मचा बवाल रुक नहीं रहा है। ऐसे में जहां कुछ नेताओं पर पार्टी हाई कमान ने दिल्ली तलब किया है। वहीं, कुछ नेताओं की ओर से पार्टी को अलविदा भी कह दिया गया है। इसी बीच हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि से जब उनकी टिकट कटने को लेकर सवाल किया गया तो उनकी बातों में भी टिकट काटे जाने से ज्यादा दूसरे दल से त्याग पत्र दिए बिना पैराशूट के जरिए आए नेता को टिकट दिए जाने का दर्द दिखाई दिया।

हम कहीं नहीं जा सकते

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से टिकट काटे जाने पर राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि ने इसे पार्टी का फैसला बताते हुए उसे सहजता से स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि अब वह हरियाणा में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनाने के प्रयासों में जुट जाएंगे, क्योंकि पार्टी को जो सही लगा, वह किया। हालांकि उन्होंने अपनी बात भी पार्टी के सामने रखी है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी टिकट कटने का दुख नहीं है, बल्कि उन्हें इस बात का दुख है कि पैराशूट के जरिए दूसरे दल से इस्तीफा दिए बिना आए व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर ही टिकट दे दी गई।

यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है। इसे लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से भी बात की थी। बाल्मीकि ने कहा कि यदि उन पर बीते 10 साल में किसी प्रकार का कोई आरोप लगा होता और पार्टी उसके बाद उनकी टिकट काटती तो वह उसे सहजता से स्वीकार कर लेते। इतना ही नहीं यदि पार्टी को उन्हें टिकट नहीं देनी थी तो पैनल में कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के भी नाम थे, उन्हें भी टिकट दी जा सकती है। ऐसे में कम से कम यह संतुष्टि तो होती कि पार्टी कार्यकर्ता को ही टिकट मिली है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की विचारधान और संगठन से जुड़े कार्यकर्ता हैं और वह कहीं और नहीं जा सके। वह बचपन से ही स्वयं सेवक है। 

पार्टी में आने पर की थी प्रतिज्ञा

बाल्मीकि ने बताया कि उन्होंने 1994 में आरएसएस से भारतीय जनता पार्टी में कदम रखा था। उस समय में जिले में पार्टी की जिम्मेदारी निभाने वाले 11 लोगों को इकट्ठा करना भी मुश्किल काम था। उस समय लोग मजाक थी करते थे कि जीतने के बाद लोग पार्टी बदल लेते है। उन्होंने कहा कि इसलिए उस समय में उन्होंने प्रतीज्ञा की थी कि उनकी संसार से अंतिम यात्रा भी बीजेपी के झंडे में ही लिपटकर जाएगी।

पार्टी के लिए करेंगे काम

राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि ने कहा कि अब वह भारतीय जनता पार्टी में रहकर पार्टी के लिए काम करेंगे। पार्टी की ओर से जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे पूरी तरह से निभाया जाएगा। कार्यकर्ताओं की नाराजगी को लेकर उन्होंने कहा कि वह सभी नाराज कार्यकर्ताओं को भी मना लेंगे, क्योंकि बीजेपी का कार्यकर्ता नाराज हो सकता है, लेकिन वह कहीं और नहीं जा सकता।

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