ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन रूस के कजान में 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक हो रहा है। इस सम्मेलन के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना देखने को मिलेगी। बता दें कि जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग लगभग पांच साल बाद एक-दूसरे के सामने होंगे। यह मुलाकात न केवल एशियाई राजनीति के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
आखिर ये मुलाकात क्यों है खास ?
इस बैठक की खासियत यह है कि इससे पहले दोनों नेताओं ने 2019 में ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय चर्चा की थी। लेकिन इस बार का माहौल काफी अलग है, क्योंकि वर्तमान में वैश्विक राजनीति में तनाव और संघर्ष की स्थिति बनी हुई है, जिसमें रूस भी शामिल है। ऐसे में यह मुलाकात एक नई शुरुआत की ओर इशारा कर सकती है।
क्या दोनों देश के संबंध सुधारेंगे ?
हाल ही में, भारत और चीन ने अपने सीमावर्ती विवादों को समाप्त करने की पुष्टि की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देश अपने संबंधों को सुधारने के लिए गंभीर हैं। यह बैठक निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों की नींव रख सकती है। इसके साथ ही, दुनिया को यह संदेश भी जा रहा है कि पड़ोसी देशों के बीच मतभेदों को सुलझाने की कोशिशें हो रही हैं।
कनाडा के मुद्दों पर होगी चर्चा
इस मुलाकात में कनाडा के मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में भारत और चीन पर विभिन्न आरोप लगाए हैं। इस संदर्भ में, मोदी और जिनपिंग एक साथ खड़े होकर कनाडा को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। दोनों देशों की मौजूदगी से यह संकेत मिलता है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। इस प्रकार, कजान में हो रही यह द्विपक्षीय बैठक न केवल भारत और चीन के रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति में भी एक नया मोड़ लाने की क्षमता रखती है। सभी की निगाहें इस बैठक पर टिकी होंगी, क्योंकि यह तय करेगी कि आगे बढ़ते हुए एशिया के दो सबसे शक्तिशाली देशों के बीच किस प्रकार के संबंध बनते हैं।