हरियाणा में BJP ने चुनाव तारीख बदलने की उठाई मांग
मोहन लाल बड़ौली ने लेटर में लिखा है कि चुनाव की तारीखों को बदला जाए, क्योंकि यह छुट्टी का समय होता है और काफी लोग बाहर चले जाते हैं। इसके अलावा बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान भी है। इसका इफेक्ट वोटिंग पर पड़ेगा। इससे वोटिंग प्रतिशत में गिरावट होगी।
हरियाणा की BJP ने विधानसभा चुनाव की तारीखों में फेरबदल करने की मांग की है। इसको लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लेटर भेजा है। जिसमें उन्होंने चुनाव की तारीखों में बदलाव के 2 बड़े कारण बताए हैं।
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा में इलेक्शन का ऐलान किया था। 1 अक्टूबर को वोटिंग और 4 अक्टूबर को मतगणना होगी।
मोहन लाल बड़ौली ने लेटर में लिखा है कि चुनाव की तारीखों को बदला जाए, क्योंकि यह छुट्टी का समय होता है और काफी लोग बाहर चले जाते हैं। इसके अलावा बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान भी है। इसका इफेक्ट वोटिंग पर पड़ेगा। इससे वोटिंग प्रतिशत में गिरावट होगी।
चुनाव आयोग की भी प्राथमिकता होती है कि 100 प्रतिशत मतदान हो। इसलिए चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाया जाए ताकि वोटिंग प्रतिशत बढ़ सके।
भाजपा को वोटिंग प्रतिशत घटने से नुकसान
लोकसभा चुनाव में देखा गया है कि भाजपा को वोटिंग प्रतिशत घटने से नुकसान होता है। हरियाणा में 2019 में कुल 70.34% वोटिंग हुई थी। मगर इस बार लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत घट गया था।
2019 में हरियाणा में 70.34 फीसदी मतदान हुआ तो भाजपा को 58.2 फीसदी वोट हासिल हुए और भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया। कांग्रेस 28.5 फीसदी पर ही आकर सिमट गई। इसी तरह 2014 में जब 71.45 फीसदी मतदान हुआ तो भाजपा को सात सीटें मिलीं और वोट शेयर 34.8 फीसदी रहा।
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