लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी पास हुआ मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025
11 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025 को ध्वनि मत (वॉयस वोट) से पारित कर दिया। सदन में विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए वॉकआउट किया। इसके बावजूद बिल पर चर्चा पूरी कर इसे पारित किया गया।
11 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025 को ध्वनि मत (वॉयस वोट) से पारित कर दिया। सदन में विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए वॉकआउट किया। इसके बावजूद बिल पर चर्चा पूरी कर इसे पारित किया गया।
लोकसभा में पहले ही मिल चुकी थी मंजूरी
इससे पहले, 6 अगस्त 2025 को लोकसभा ने यह विधेयक पारित किया था। उस समय भी विपक्ष के हंगामे के बीच इसे पास किया गया। सदन में लंबी बहस के बिना, बिल को कुछ ही मिनटों में ध्वनि मत से मंजूरी मिल गई।
- जहाज की परिभाषा का विस्तार — अब इसमें मोबाइल ऑफशोर ड्रिलिंग यूनिट्स, पनडुब्बियां, नॉन-डिस्प्लेसमेंट क्राफ्ट आदि शामिल होंगे
- स्वामित्व के नियम — भारतीय नागरिकों, कंपनियों और OCI कार्ड धारकों को जहाज का मालिकाना हक मिलेगा।
- पर्यावरण संरक्षण — प्रदूषण रोकथाम प्रमाणपत्र अनिवार्य, अंतरराष्ट्रीय MARPOL और Wreck Removal Convention के अनुरूप प्रावधान।
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पर्यावरण संरक्षण मजबूत—प्रदूषण निवारण प्रमाणपत्र अनिवार्य, MARPOL एवं Wreck Removal Convention के अनुरूप प्रावधान
11 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने भी यह बिल वॉयस वोट से पारित कर दिया, जबकि विपक्ष ने विधानसभा में भी SIR पर चर्चा की मांग करते हुए वॉकआउट किया। ध्वनि मत के बाद बिल आसानी से पारित हुआ
विधेयक का महत्व
यह विधेयक 1958 के Merchant Shipping Act को अप्रचलित कर, इसे पूरी तरह से बदलने वाला आधुनिक कानून है। यह सूदृढ़ बनाता है भारत का समुद्री ढांचा—जैसे जहाज मालिकाना हक, सुरक्षा, पर्यावरणीय मानक, और नाविकों का प्रशिक्षण।
इसी के साथ ही आपको बता दें कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक भरोसेमंद समुद्री व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में यह एक निर्णायक कदम है
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