जस्टिस यशवंत वर्मा के कैश कांड के बाद, ओम बिड़ला का एक्शन
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ कथित कैश कांड मामले में संसद में महाभियोग की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को जानकारी दी कि उन्हें कुल 146 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित महाभियोग प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वालों में भाजपा सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, विपक्ष के नेता तथा कई अन्य दलों के सांसद शामिल हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ कथित कैश कांड मामले में संसद में महाभियोग की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को जानकारी दी कि उन्हें कुल 146 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित महाभियोग प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वालों में भाजपा सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, विपक्ष के नेता तथा कई अन्य दलों के सांसद शामिल हैं।
इस महाभियोग प्रस्ताव में जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की मांग की गई है, आरोप है कि उन्होंने न्यायिक पद का दुरुपयोग करते हुए कथित तौर पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता दिखाई। प्रस्ताव मिलने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने इसे स्वीकार करते हुए संविधान के अनुच्छेद 124(4) और न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 के तहत आगे की कार्यवाही प्रारंभ की।
तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन
स्पीकर ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें शामिल होंगे—
- एक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश
- एक हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश
- एक प्रमुख कानूनविद
यह कमेटी आरोपों की गंभीरता और उपलब्ध साक्ष्यों की गहन जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर संसद में जस्टिस वर्मा को पद से हटाने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
महाभियोग की प्रक्रिया
महाभियोग प्रक्रिया में पहले जांच समिति की रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने चाहिए। इसके बाद संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव को विशेष बहुमत से पारित करना आवश्यक होगा। यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो राष्ट्रपति न्यायाधीश को पद से हटा सकते हैं।
इस तरह का मामला पहली बार नहीं
वहीं इसक साथ ही हम आपको बता दें कि इस तरह का मामला पहली बार नहीं है जब किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया शुरू की गई हो। इससे पहले भी देश में कई बार इस तरह की कार्रवाई की पहल हुई, हालांकि बहुत कम मामलों में यह प्रक्रिया पूरी हुई है।कैश कांड से जुड़े आरोप और उससे संबंधित विस्तृत जानकारी फिलहाल जांच के अधीन है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोप साबित होते हैं या नहीं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर का बयान
वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि- "प्रक्रिया अपना काम करेगी। एक निश्चित प्रक्रिया होती है, और मुझे नहीं लगता कि अभी कोई टिप्पणी करने की ज़रूरत है। महाभियोग समिति गठित करने का फैसला लिया गया है। उन्हें सभी सबूतों की जाँच करनी होगी और किसी नतीजे पर पहुँचना होगा
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