हरियाणा में AAP ने चला आखिरी दांव, तिहाड़ से ग्रीन सिग्नल का इंतजार
गठबंधन पर कभी हां तो कभी ना ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। सीटों को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच प्रेशर पॉलिटिक्स जारी है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने अपने तरकश से आखिरी तीर चला दिया है।
हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होगा या नहीं? इस पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। गठबंधन पर कभी हां तो कभी ना ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। सीटों को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच प्रेशर पॉलिटिक्स जारी है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने अपने तरकश से आखिरी तीर चला दिया है। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में ऐसा आखिरी दांव चल दिया है, जो अमेरिका में बैठे राहुल गांधी का गेम प्लान बिगाड़ सकता है।
आम आदमी पार्टी को अब सिर्फ तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल के इशारे का इंतजार है। इसके बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में किस तरह चुनाव लड़ेगी। दरअसल, हरियाणा में गठबंधन की कवायद के बीच आम आदमी पार्टी ने साफ कह दिया है कि वह अकेले चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। हरियाणा चुनाव को लेकर आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा पर संजय सिंह ने साफ कहा कि अब हमारे पास कम समय बचा है। नामांकन की तारीख 12 सितंबर है, हमारे पास भी समय नहीं है। आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर पूरी तरह तैयार है। हाईकमान के फैसले का इंतजार है और उसके बाद जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी जाएगी। हरियाणा में हमारा संगठन काफी मजबूत है। यहां यह बताना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस ने अब तक 41 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
AAP ने चला आखिरी दांव?
संजय सिंह ने कहा, 'हरियाणा में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से तैयार है। उम्मीदवारों के ऐलान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पार्टी सुप्रीमो से अनुमति मिलते ही आम आदमी पार्टी की सूची जारी कर दी जाएगी। जो लोग ज़मीन पर संगठन का काम कर रहे हैं, वे अरविंद केजरीवाल से चर्चा करके इस मुद्दे पर आगे बढ़ेंगे। संदीप पाठक और सुशील गुप्ता हरियाणा का काम देख रहे हैं और उनकी तैयारी पूरी है।' माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के लिए आज का दिन काफी अहम है।
आप ने बनाया दबाव
संजय सिंह ने कहा, 'हरियाणा में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से तैयार है। उम्मीदवारों के ऐलान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पार्टी सुप्रीमो से अनुमति मिलते ही आम आदमी पार्टी की सूची जारी कर दी जाएगी। जो लोग ज़मीन पर संगठनात्मक काम कर रहे हैं, वे अरविंद केजरीवाल से चर्चा करके इस मुद्दे पर आगे बढ़ेंगे। संदीप पाठक और सुशील गुप्ता हरियाणा का काम देख रहे हैं और उनकी तैयारी पूरी है।' माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के लिए आज का दिन काफी अहम है।
गठबंधन में कहां फंसा है पेच?
अब समझते हैं कि दिक्कत कहां है, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने की वजह सीटों की संख्या है, सूत्रों ने बताया कि दोनों पार्टियों के बीच बातचीत उन सीटों की संख्या पर अटकी हुई है जिन पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है, कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में 4 से 5 सीटें देने को तैयार है, जबकि आम आदमी पार्टी 10 सीटों पर अड़ी हुई है। राहुल गांधी अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं, ताकि हरियाणा से बीजेपी को बाहर किया जा सके, लेकिन अब तक जो प्रेशर पॉलिटिक्स देखने को मिली है, उससे राहुल का गेम प्लान बर्बाद होता दिख रहा है।
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