कनाडा के रास्ते बिना Documents 5000 भारतीय अप्रवासी पहुंचे US, चौंका देगी ये रिपोर्ट

बिना दस्तावेजों के ये लोग पैदल या अन्य साधनों से अमेरिका पहुंचे। पिछले साल के मुकाबले इसमें 5 गुना इजाफा हुआ है। जो दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है। इनमें से ज्यादातर बेहतर भविष्य की तलाश में आए वे लोग शामिल हैं, जो पहले वैध तरीके से कनाडा आए और बाद में जिन्होंने रोजगार के अवसरों, संबंधों या अमेरिकी आव्रजन नीति में कथित लाभ और अन्य कारणों से किसी न किसी तरह अमेरिका जाना बेहतर समझा।

Sep 6, 2024 - 11:46
Sep 6, 2024 - 12:15
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कनाडा के रास्ते बिना Documents 5000 भारतीय अप्रवासी पहुंचे US, चौंका देगी ये रिपोर्ट
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विदेश में पैसा कमाकर अपने सपनों को साकार करने की होड़ में लगे लोग हमेशा विदेश पहुंचने का कोई न कोई रास्ता तलाशते रहते हैं। जिसके चलते वे भारी भरकम रकम खर्च करके अवैध तरीके से विदेश पहुंच जाते हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जून 2024 में करीब 5 हजार भारतीय अप्रवासी बिना दस्तावेजों के कनाडा के रास्ते अमेरिका में दाखिल हुए।

बिना दस्तावेजों के ये लोग पैदल या अन्य साधनों से अमेरिका पहुंचे। पिछले साल के मुकाबले इसमें 5 गुना इजाफा हुआ है। जो दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है। इनमें से ज्यादातर बेहतर भविष्य की तलाश में आए वे लोग शामिल हैं, जो पहले वैध तरीके से कनाडा आए और बाद में जिन्होंने रोजगार के अवसरों, संबंधों या अमेरिकी आव्रजन नीति में कथित लाभ और अन्य कारणों से किसी न किसी तरह अमेरिका जाना बेहतर समझा। मैक्सिकन सीमा के बजाय कनाडाई सीमा से अवैध तरीके से अमेरिका में दाखिल होने वालों के ग्राफ में तेजी से उछाल आया है।

अमेरिका ने कनाडा सरकार से उसकी उदार वीजा नीतियों को लेकर भी चिंता जताई है, जिसके चलते बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय छात्र बिना दस्तावेजों के अमेरिका में दाखिल हो रहे हैं। कनाडा जाकर ब्रिटेन में शरण लेने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे ब्रिटेन भी प्रभावित हो रहा है। बिना दस्तावेजों के देश में प्रवेश करने की बढ़ती चुनौतियों के कारण, तीनों देश - अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन - अपनी आव्रजन नीतियों का मूल्यांकन कर रहे हैं।

अमेरिका -कनाडा का बार्डर 9 हजार किलोमीटर लंबा और असुरक्षित

करीब 9 हजार किलोमीटर तक फैली अमेरिका-कनाडा सीमा दुनिया की सबसे लंबी असुरक्षित सीमा है और अमेरिका-मेक्सिको सीमा से दोगुनी है। इस पर दोनों देश कई बार एक-दूसरे से बातचीत कर चुके हैं और मुख्य चुनौती अवैध प्रवेशियों को रोकना है। लंबी असुरक्षित सीमा के कारण अप्रवासी बिना दस्तावेजों के इसके जरिए प्रवेश करते हैं, जिसमें भारतीयों की संख्या अधिक है। माना जा रहा है कि अवैध प्रवेश में वृद्धि कनाडा की आव्रजन और वीजा नीतियों के कारण है। कनाडा ने अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और श्रम की कमी को दूर करने के उद्देश्य से 2017 के आसपास अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों और अप्रवासियों को आकर्षित करने के लिए अपने वीजा नियमों में ढील दी।

जिसके कारण 2018 से 2022 के बीच कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 5 लाख 66 हजार से बढ़कर 8 लाख हो गई। अमेरिका ने कनाडा के प्रति बढ़ते आकर्षण पर कड़ी चिंता व्यक्त की है और कनाडा से वीजा नीतियों को सख्त करने का आग्रह किया है। ब्रिटेन ने सुझाव दिया है कि कनाडा की यात्रा करने वाले सभी भारतीय नागरिकों को देश में रहने के लिए ट्रांजिट वीजा प्राप्त करना अनिवार्य होना चाहिए। यह तब हुआ है जब कनाडा जाते समय ब्रिटेन में भारतीय नागरिकों द्वारा शरण के लिए किए गए दावों में तेज़ वृद्धि हुई है।

2022 में ब्रिटेन के बंदरगाहों पर शरण मांगने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 136% की वृद्धि हुई। 2023 तक, यह संख्या और भी बढ़ गई, जिसमें 1,319 भारतीय नागरिक शरण मांग रहे थे, जिनमें से कई कनाडा के लिए पारगमन यात्री थे। ब्रिटेन सरकार इसे एक गंभीर मुद्दा मानती है।

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