‘अवैध गिरफ्तारी’ लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला : केजरीवाल ने न्यायालय से कहा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में उनकी ‘‘अवैध गिरफ्तारी’’ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव तथा संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला है।

मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल ने जवाब दाखिल किया है। केजरीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जब आदर्श आचार संहिता लागू है, तब उनकी गिरफ्तारी का तरीका और समय एजेंसी की ‘मनमानी’ के बारे में बहुत कुछ बताता है।

केजरीवाल ने दावा किया कि यह एक ‘‘सटीक मामला’’ है कि कैसे केंद्र ने आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को ‘‘कुचलने’’ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इसकी व्यापक शक्तियों का दुरुपयोग किया है।

केजरीवाल के जवाब में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव तथा संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर एक अभूतपूर्व हमला है, जो दोनों संविधान के मूल ढांचे के महत्वपूर्ण घटक हैं।’’

इसमें कहा गया कि आम चुनाव की घोषणा होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के पांच दिन बाद ईडी ने एक मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय स्तर के विपक्षी दलों में से एक के राष्ट्रीय संयोजक को अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया।

केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा है, ‘‘चुनाव के दौरान जब राजनीतिक गतिविधि अपने उच्चतम स्तर पर होती है, याचिकाकर्ता की अवैध गिरफ्तारी से याचिकाकर्ता के राजनीतिक दल के बारे में गंभीर पूर्वाग्रह पैदा हो गया है और केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी को मौजूदा चुनावों में अन्यायपूर्ण बढ़त मिलेगी।’’