UP News : CM योगी का घुसपैठियों पर बड़ा एक्शन, अचानक फरार हुए 160 सफाई कर्मचारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद लखनऊ में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद लखनऊ में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। CM योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद नगर निगम ने सफाई कर्मचारियों की घेराबंदी शुरू कर दी है। बता दें कि कर्मचारियों से NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) और आधार-पैन जैसे वैध दस्तावेज मांगे गए, तो 160 से अधिक सफाई कर्मचारी रातों-रात फरार हो गए।
NRC दस्तावेज मांगते ही 160 कर्मचारी गायब
लखनऊ नगर निगम ने नवंबर में सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां कार्यरत हर सफाई कर्मचारी का पूरा विवरण और वैध पहचान दस्तावेज 7 दिनों में जमा करें, जैसे ही लखनऊ स्वच्छता अभियान प्राइवेट लिमिटेड (LSA) ने अपने 3,200 कर्मचारियों से दस्तावेज मांगे, तो 125 डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्टर और 35 सड़क-नाली सफाईकर्मी काम पर नहीं आए और अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिए। कंपनी ने इस पूरी रिपोर्ट नगर निगम को सौंपी है और अब इन 160 फरार कर्मचारियों की सूची पुलिस को भेजी जा रही है ताकि जांच की जा सके कि इनमें कितने अवैध घुसपैठिए हैं। बता दें कि कई कर्मचारियों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए, जिसके बाद असम के कर्मचारियों से अब NRC में नाम होने का प्रमाण मांगा जा रहा है। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि बिना NRC प्रमाणपत्र के किसी को दोबारा नौकरी नहीं दी जाएगी।
आउटसोर्सिंग कंपनियों को अल्टीमेटम
शहर में सफाई कार्य देख रही दूसरी बड़ी कंपनी लॉयन एनवायरो के 1,000 कर्मचारी हैं। नगर निगम ने एक हफ्ते में उनकी सूची मांगी थी, लेकिन अब तक एक भी नाम नहीं भेजा गया। अधिकारियों ने कहा है कि अगर कंपनी दस्तावेज नहीं देती है, तो उसका ठेका रद्द कर दिया जाएगा।
पुलिस वेरिफिकेशन और छापेमारी
नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी 8 जोनल अधिकारियों को आदेश दिया है कि हर सफाई कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी कराया जाए। इसके लिए थानों और SP कार्यालयों को पत्र भेजे जा चुके हैं। कई इलाकों में पुलिस की अचानक जांच और दस्तावेजों की चेकिंग जारी है।
8,000 से ज्यादा कर्मचारी कर रहे हैं काम
लखनऊ नगर निगम में फिलहाल लगभग 8,000 से अधिक सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सभी कर्मचारियों की दस्तावेजी जांच पूरी होने के बाद असली तस्वीर साफ होगी, और यह भी पता चलेगा कि कितने अवैध घुसपैठिए लंबे समय से शहर में छिपकर काम कर रहे हैं।
What's Your Reaction?