कांग्रेस के सत्ता में आने पर भ्रष्टाचार बढ़ता है: राजनाथ सिंह

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि जब भी कांग्रेस सत्ता में आती है तो भ्रष्टाचार बढ़ जाता है जबकि नरेन्द्र मोदी सरकार के 10 साल के शासनकाल में उनके खिलाफ अनियमितता का एक भी आरोप नहीं लगा।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस खत्म हो जाएगी और पार्टी अगले कुछ वर्षों में देश में ‘डायनासोर’ की तरह विलुप्त हो जाएगी।

उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार की वकालत करते हुए कहा कि इससे लोगों के समय के साथ-साथ देश के संसाधनों की भी बचत होगी।

सिंह ने कहा, ‘‘जब भी कांग्रेस सत्ता में आती है तो भ्रष्टाचार बढ़ जाता है। आजादी के बाद से, पार्टी जब भी शासन में रही, उसे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा। छत्तीसगढ़ में (2018 में) सत्ता में चुने जाने के बाद भी, उसने गाय-गोबर सहित कई घोटाले किए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी नरेन्द्र मोदी सरकार पर उंगली नहीं उठा सकता। केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है।’’

सिंह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की तारीफ करते हुए कहा कि लोग देखेंगे कि राज्य में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार के तहत छत्तीसगढ़ कैसे तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। देश के विकास में छत्तीसगढ़ का विकास महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जंग लगे लोहे के टुकड़े की तरह है और यह रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ के “घर” जैसा दिखने लगी है क्योंकि सभी नेता एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने में व्यस्त हैं।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र समिति बनाई, राजनाथ होंगे अध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को 27 सदस्यीय घोषणा पत्र समिति गठित कर दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस समिति का अध्यक्ष, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संयोजक और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को सह-संयोजक बनाया गया है।

भाजपा महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस समिति के गठन को मंजूरी दी है।

समिति में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर के अलावा पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ पूर्व उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्रियों में गुजरात के भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मोहन यादव, असम के हिमंत विश्व शर्मा और छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साय के नाम हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के नाम हैं।

समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, राधामोहन दास अग्रवाल, राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, ओ पी धनखड़, अनिल एंटनी शामिल हैं।

भाजपा ने पिछले माह ही लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। पार्टी ने लोगों से सुझाव मांगने के लिए अलग-अलग इलाकों में ‘रथ’ भी रवाना किए थे।

भाजपा अपने घोषणा पत्र को ‘संकल्प पत्र’ कहती है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार का घोषणा पत्र गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। पार्टी का इस बार का घोषणा पत्र 2047 तक देश को विकसित बनाने की ‘योजना’ पर भी आधारित होगा।

सूत्रों के मुताबिक 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से पहले पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है।