इजराइल में लेबनान से दागी गई टैंक रोधी मिसाइल के हमले में मारे गए भारतीय श्रमिक पी. मैक्सवेल का शव बृहस्पतिवार शाम भारत भेजा गया। मैक्सवेल (30) केरल के कोल्लम के रहने वाले थे।
इजराइल में लेबनान से दागी गई टैंक रोधी मिसाइल के हमले में मारे गए भारतीय श्रमिक पी. मैक्सवेल का शव बृहस्पतिवार शाम भारत भेजा गया। मैक्सवेल (30) केरल के कोल्लम के रहने वाले थे।
हमास-इजरायल जंग के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमास का खात्मा जरूरी है लेकिन गाजा पर कब्जा इजरायल की सबसे बड़ी गलती होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इजरायल में फंसे करीब 18 हजार भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया गया है जिसके लिए इसका पंजीकरण बीते गुरुवार शुरू हो गया था। गौरतलब हो कि ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत अब तक 918 भारतीय स्वदेश लौट चुके हैं।
‘ऑपरेशन अजय’ के तहत आज 235 भारतीयों का दूसरा जत्था विशेष विमान से दिल्ली पहुंचा है इससे पहले कल 212 भारतीय भारत वापस आए थे। बता दें कि बीते 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इजरायल पर बर्बर हमला कर लगभग एक हजार इजरायली लोगों की हत्या कर दी थी जिसके बाद इजरायल ने युद्ध की घोषणा की थी। जिसके बाद से दोनों के बीच संघर्ष अभी भी जारी है।
इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है और पूरे विश्व की निगाहें इस पर टिकी हुई है। इस बीच इजरायल (ISRAEL) के पीएम बैंजामिन नेतन्याहू (PM Benjamin Netanyahu) ने बड़ी चेतावनी देते हुए कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘‘विशेष चार्टर उड़ानों का प्रबंध और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं। हम विदेश में मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।’’
हमास के साथ युद्ध में इजराइल को मजबूती प्रदान करने के लिए आधुनिक अमेरिकी हथियारों और उपकरणों की पहली खेप यहां पहुंच चुकी है। इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार देर रात व्हाइट हाउस में अपने संबोधन के दौरान कहा कि अमेरिका इस जंग में इजरायल के साथ खड़ा है। इसी बीच अमेरिका ने इजरायल की मदद करते हुए उसे हथियार भी भेजे हैं। मंगलवार रात अमेरिका का ट्रांसपोर्ट प्लेन गोला-बारूद के साथ इजरायल के नेवातिम एयरबेस पहुंच चुका है।
इसी बीच अमेरिका ने इजरायल की मदद करते हुए उसे हथियार भी भेजे हैं। मंगलवार रात अमेरिका का ट्रांसपोर्ट प्लेन गोला-बारूद के साथ इजरायल के नेवातिम एयरबेस पहुंच चुका है।
गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाकर इजराइल द्वारा लगातार की जा रही बमबारी के बीच वहां रह रहे भारतीयों को अपनी जान का डर सता रहा है।
गाजा में अपने परिवार के साथ रह रही एक भारतीय महिला ने मंगलवार को युद्धग्रस्त हमास शासित इलाके से तत्काल सुरक्षित निकासी की मांग की।
गाजा में रह रहीं भारतीय लुबना नजीर शब्बू ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम यहां एक भीषण और क्रूर युद्ध का सामना कर रहे हैं और कुछ ही सेकंड में बमबारी में सब कुछ नष्ट हो जा रहा है। हम इस संघर्ष की कीमत चुका रहे हैं क्योंकि आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। ’’
लुबना नजीर शब्बू मूल रूप से भारत के जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हैं।
इजराइल-हमास संघर्ष बीते चार दिन से जारी है और इसमें अब तक दोनों पक्षों के कम से कम 1,600 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से गाजा में 788 लोगों की मौत हुई है जबकि 4,100 लोग घायल हुए हैं।
हमास के आतंकवादियों ने शनिवार को सुबह इजराइल के दक्षिणी इलाकों में भीषण हमले किए थे। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में इजराइल की सेना ने गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाकर भीषण हमले शुरू कर दिए हैं।
लुबना नजीर शब्बू ने कहा, ‘‘बमबारी की आवाजें बहुत डरावनी होती हैं और पूरा घर हिल जाता है। यह बहुत ही भयावह स्थिति है। ’’
गाजा में अपने पति नेडाल टोमन और सबसे छोटी बेटी करीमा के साथ रह रहीं लुबना ने कहा कि बिजली के अलावा पानी की आपूर्ति भी आधिकारिक तौर पर काट दी गई है। उनके दो बच्चे मिस्र की राजधानी काहिरा में पढ़ाई करते हैं।
लुबना ने कहा, ‘‘ हम कहीं भी नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि हमारे लिए कहीं भी कोई सुरक्षित जगह नहीं है। गाजा पट्टी बहुत छोटी है और हर तरफ से बंद है। यहां पर कोई निकास बिंदु नहीं हैं। ’’
लुबना ने पीटीआई-भाषा को दिए एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ मैंने पहले ही रामल्लाह में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय से मदद मांगी है ताकि मुझे अपने पति और बेटी के साथ सुरक्षित स्थान पर जाने में मदद मिल सके। ’’
रामल्लाह में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने कहा कि वे संपर्क में हैं और सभी भारतीयों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मौजूदा जमीनी हालात बेहद मुश्किल हैं।