भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत सूरज के बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए भेजे गए ‘आदित्य-एल1’ यान की पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन से संबंधित चौथी और आखिरी प्रक्रिया मंगलवार तड़के सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई।
भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत सूरज के बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए भेजे गए ‘आदित्य-एल1’ यान की पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन से संबंधित चौथी और आखिरी प्रक्रिया मंगलवार तड़के सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई।
भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-वन (Aditya L1) शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो गया है। मिशन ने सुबह 11.50 बजे उड़ान भरी।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने जानकारी देते हुए बताया कि, सरकारी स्कूल के विद्यार्थी चंद्रयान-3 के बाद अब आदित्य एल-1 के लॉन्चिंग के साक्षी बनने वाले है।
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 2 सितंबर की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर PSLV XL रॉकेट के जरिए आदित्य L1 सौर मिशन को लॉन्च किया जाएगा।
अहमदाबाद के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने (आज) गुरुवार को कहा कि विज़िबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) इसरो के आदित्य-एल वन मिशन के मुख्य पेलोड में से एक है।