अखिलेश को झटका देकर अब इस पार्टी शामिल होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य? जानिए क्या है इनसाइड स्टोरी?

अखिलेश को झटका देकर अब इस पार्टी शामिल होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य? जानिए क्या है इनसाइड स्टोरी?

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य जो कभी हिंदू धर्म, तो कभी देवी-देवताओं पर बोलकर विवाद मोल ले लेते हैं, तो कभी राम मंदिर को लेकर जहर उगलते हैं। आए दिन मौर्य के बयान एक नया बखेड़ा खड़ा कर देते हैं।

उनके बयानों को सुनकर खुद समाजवादी पार्टी के नेता बिचल उठते हैं। उनके बयान पर बवाल होता है तो, सपा का शीर्ष नेतृत्व निजी राय बताकर पल्ला झाड़ लेता है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के राजनीतिक करियर का लब्बोलुआब यही है कि वो अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन इस बार माजरा कुछ और है।

दरअसल मौर्य ने सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद से उनके अगले फैसले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

मौर्य के इस्तीफा देने के पीछे की इनसाइड स्टोरी क्या है? अखिलेश यादव से स्वामी प्रसाद मौर्य का मन क्यों खट्टा हो गया है? आखिर ऐसी कौनसी वजह है जिससे मौर्य छटपटा रहे हैं?

क्या स्वामी प्रसाद मौर्य फिर से पार्टी बदलना चाह रहे हैं? ऐसे कई सवाल उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारे में बने हुए हैं? आज हम आपको इन तमाम सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे।

सबसे पहले जानते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने महासचिव पद से इस्तीफा क्यों दिया है। क्योंकि जब सब कुछ बढ़िया चल रहा था। पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने के बावजूद भी सब फस क्लास था।

तो ऐसी क्या आन पड़ी, जो मौर्य ने इस्तीफा थमा दिया। इसकी वजह उन्होंने खुद अपने एक्स हैंडल पर शेयर की है। उनका कहना है कि मैंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने की हर कोशिश की।

जब मैं पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए कोई भी बयान देता हूं, तो पार्टी के कुछ छुटभैया और कुछ बड़े नेता इसे मेरा निजी बयान बताते हैं।

अगर राष्ट्रीय महासचिव पद में भी भेदभाव है, तो में समझता हूं ऐसे भेदभाव पूर्ण, महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं।

आपने वो गाना तो सुना ही होगा कभी इधर चला कभी उधर चला। मौर्य की सियासत की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य सुभासपा के मुखिया ओपी राजभर की तरह पाला बदलते रहते हैं।

उन्होंने एक समय पर बहुजन समाज पार्टी में एक कद्दावर नेता के तौर पर अपने पैर जमाए। उसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।

लेकिन जब वहां भी बात जमी नहीं तो उन्होंने समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाकर अखिलेश यादव को गले लगा लिया। लेकिन अब समाजवादी पार्टी से भी मोह भंग होता दिख रहा है और मौर्य फिर से पुराना राग अलाप रहे हैं।

दरअसल इस्तीफे को लेकर जब स्वामी से पूछा गया कि क्या वह सपा छोड़ेंगे? उन्होंने सिरे से मना नहीं किया, बल्कि सधे अंदाज में कहा कि अभी तो मैंने महासचिव पद से इस्तीफा दिया है।

अब गेंद राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के पाले में है। उनकी अगली कार्रवाई को देखते हुए मैं अगला निर्णय लूंगा। अब समझा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का मन डोल रहा है।

वो एक बार फिर पाला बदल सकते हैं। जिस हिसाब से पिछले चुनावों में बसपा का खराब प्रदर्शन रहा उस हिसाब से मौर्य कतई भी बसपा में जाने की नहीं सोचेंगे।

वहीं उन्होंने भाजपा के विरुद्ध इस कदर बयानबाजी की है कि उनके लिए पार्टी ने लगभग सभी दरवाजे बंद कर रखे हैं। अब उनके पास सिर्फ एक ही ऑप्शन बचा है और वो है कांग्रेस।

जी हां मौका मिला तो वह कांग्रेस में भी शामिल हो सकते हैं। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने वाले हैं।

राहुल गांधी के साथ स्वामी भी पैदल चलते दिखाई दे सकते हैं। बहराल सबसे पहले तो ये देखना होगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में बने रहेंगे या पार्टी को टाटा बाय बाय कर अलविदा कह देंगे।