केजरीवाल के निजी सचिव को हटाने से आबकारी नीति घोटाले की जांच का मार्ग प्रशस्त होगा: भाजपा

Nawada: Prime Minister Narendra Modi addresses a gathering during a public meeting ahead of the Lok Sabha elections, in Nawada, Sunday, April 7, 2024. (PTI Photo) (PTI04_07_2024_000044A)

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि सतर्कता निदेशालय द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव को उनके पद से हटाना एक प्रशासनिक निर्णय था जो कथित आबकारी नीति घोटाले की जांच का मार्ग प्रशस्त करेगा।

भाजपा की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने कहा कि विभव कुमार को पद से हटाना जरूरी था क्योंकि उनकी नियुक्ति अवैध थी और वह दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में एजेंसियों की जांच के दायरे में थे। उनके हटने से अब मामले में निष्पक्ष जांच का रास्ता साफ हो जाएगा।

बुधवार को एक आदेश में दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने नियुक्ति में नियमों और प्रक्रियाओं के कथित उल्लंघन पर केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को पद से हटा दिया।

भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) और केजरीवाल का भ्रष्टाचार विरोधी रुख और उच्च नैतिक आधार का दावा कुमार को हटाए जाने से खारिज हो गया है।

उन्होंने कहा कि कुमार को हटाना एक प्रशासनिक निर्णय था क्योंकि उनकी नियुक्ति नियमों के अनुरूप नहीं थी। भाजपा नेता ने दावा किया कि यह फैसला आप के लिए एक झटका है।

कुमार को उनके पद से हटाने के अपने आदेश में सतर्कता निदेशालय ने कहा, “सक्षम प्राधिकारी ने केंद्रीय सिविल सेवा (अस्थायी सेवा) नियम, 1965 के नियम पांच के प्रावधानों के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।”

कुमार को पिछले साल नवंबर में निदेशालय द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें नोएडा में उनके खिलाफ लंबित एक आपराधिक मामले का हवाला देते हुए कहा गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के निजी सचिव के पद पर उनकी नियुक्ति अवैध है।

अपने आदेश में निदेशालय ने कहा कि कुमार के खिलाफ आरोप गंभीर हैं, जिसमें लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का आरोप भी शामिल है।”

इसके अलावा इसमें कहा गया है कि कुमार की नियुक्ति के लिए नियमों का ईमानदारी से पालन नहीं किया गया था, इसलिए ऐसी नियुक्ति अवैध और शुरू से ही अमान्य है।”

प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में आप विधायक दुर्गेश पाठक के साथ कुमार से पूछताछ की थी।

इस मामले में केजरीवाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं।