डेरा विवाद में में नया बवाल, मामले में एक और डायरी आई सामने
डेरा जगमालवाली की गद्दी को लेकर हुए विवाद के बाद अब एक और बवाल हो गया है। डेरा की गद्दी को लेकर स्वर्गीय बहादुर चंद वकील साहिब के गांव के रहने वाला अमर सिंह फेसबुक पर लाइव आया और बोला कि वकील साहिब ने डेरे की वसियत 2021 में ही लिख दी थी। अमर सिंह का कहना है कि 2023 में लिखी लाल डायरी गलत है। अमर सिंह ने प्रशासन से 2021 की डायरी खोजकर निकालने की गुहार लगाई है। उसने आगे कहा कि डेरा किसी की जागीर नहीं है। यह संगत का डेरा है और लोग यंहा आकर सिमरन करते हैं।
जगदीश प्रजापति, कालांवाली:
सिरसा के जगमालवाली डेरा में कुछ विवाद शांत हुआ लेकिन अब एक और नया मोड़ सामने आया है। डेरे की गद्दी हथियाने का प्रयास करने वाले स्वर्गीय बहादुर चंद वकील साहिब के गांव के रहने वाले अमर सिंह बिश्नोई ने डेरे के विवाद मामले में पुलिस हिरासत से आने के बाद फेसबुक पर लाइव आकर कहा की 1 जनवरी 2023 की लाल डायरी में जो वसियत लिखी है वह गलत है। संत वकील साहिब ने 2021 में ही डेरे की वसियत लिख दी थी, जोकि अब तक वो डायरी सामने नहीं आई है। उसी डायरी में संत वकील साहिब ने जो वसियत लिखी थी वही गद्दी का असली हकदार है।
उन्होंने कहा की उनकी संत वकील साहिब से उस समय करीब एक घंटे तक बातचीत हुई थी, तब उन्होंने बताया था की डेरे वसियत उन्होंने डायरी में लिख दी है। उन्होंने जिसके नाम वसियत लिखी वही उस गद्दी का असली हकदार है। अमर सिंह ने डेरा प्रेमियों से अपील की है कि डेरा किसी व्यक्ति की जागीर नहीं डेरा प्रेमी डेरे में आये और डेरा न छोड़े डेरे में आकर सिमरन करें।
आपको बता दे की 1 अगस्त को संत वकील साहिब का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। ज़ब संत वकील साहिब का पार्थिव शरीर संस्कार के लिए डेरा जगमालवाली लाया गया, तो संस्कार से पहले ही गद्दी को लेकर अमर सिंह ने सवाल उठा दिया था। संत वकील साहिब के चहेते बीरेंद्र ढिल्लो गद्दी के पास पहुंचा, तो अचानक से वंहा पर फायरिंग की गई और विवाद उतपन्न हो गया। उसके बाद ज़ब संत वकील साहिब का 8 अगस्त को भोग था तब भी भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात की गई। उससे पहले अमर सिंह को पुलिस हिरासत में ले लिया था।
8 अगस्त को पूरे सिरसा जिला में सभी इंटरनेट सेवा बन्द कर दी थी और कई बड़े राजनैतिक लोग संत वकील साहिब को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे थे। उसके बाद संत वकील साहिब के परिवार और आसपास के गांव के सरपंच की मौजूदगी में बीरेंद्र ढिल्लो को डेरा के लिए पगड़ी पहनाई गई और बीरेंद्र ने कहा की ज़ब तक डेरा प्रेमियों को उन पर भरोसा नहीं हो जाता, वह गद्दी पर नहीं बैठेंगे। अब देखना होगा की अमर सिंह द्वारा फेसबुक पर लाइव जो बातें कही गई हैं, वें कितनी सही साबित होती है।
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