पुलिस हिरासत में सैनिक से मारपीट, मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अधिकारियों को लगाई फटकार
मंत्री ने कहा कि सैनिक को बुरी तरह पीटा गया और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "मेडिकल रिपोर्ट में लिखा है कि लोगों ने उसके साथ मारपीट की। भारतीय सेना के एक जवान को पांच पुलिसकर्मियों ने पकड़कर पीटा है, वह भी बिना किसी कानून और बिना किसी कारण के, इसलिए पुलिस विभाग में कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।"
राजस्थान के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सोमवार को शिप्रा पथ थाने में भारतीय सेना के एक सेवारत सैनिक को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर पीटने के मामले में पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई।
मामला सामने आने के बाद एक पुलिस उपनिरीक्षक और तीन कांस्टेबल को थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया और जांच के आदेश दिए गए।
सैनिक कल्याण मंत्री राठौड़ भी सेना में सेवा दे चुके हैं। वह थाने पहुंचे और मामले पर आपत्ति जताई और वहां मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई।
राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा, "एक सेवारत सैनिक को कुछ पुलिसकर्मियों ने निर्वस्त्र कर दिया और डंडों से पीटा और फिर उसे लोगों के बीच बैठा दिया और कुछ पुलिसकर्मियों ने उससे यह दोहराने को कहा कि पुलिस भारतीय सेना का 'बाप' है।"
उन्होंने कहा, "यह बहुत दुख की बात है और यह उन दो-तीन लोगों की घिनौनी मानसिकता को दर्शाता है जिन्होंने ऐसा किया।"
मंत्री ने कहा कि सैनिक को बुरी तरह पीटा गया और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "मेडिकल रिपोर्ट में लिखा है कि लोगों ने उसके साथ मारपीट की। भारतीय सेना के एक जवान को पांच पुलिसकर्मियों ने पकड़कर पीटा है, वह भी बिना किसी कानून और बिना किसी कारण के, इसलिए पुलिस विभाग में कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।"
मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक से बात की है और उन्होंने दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
पुलिस महानिदेशक यू आर साहू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस ने पिछली रात एक अवैध हुक्का बार पर छापा मारा था और कुछ लोगों को पकड़ा था, जिनमें यह जवान भी शामिल था।
साहू ने कहा, "जयपुर पुलिस आयुक्त ने एक पुलिस उपनिरीक्षक और तीन कांस्टेबल को पुलिस लाइन में भेज दिया है और जांच के आदेश दे दिए हैं।"
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