Kerala Landslides: मृतकों की संख्या 150 हुई, बचाव अभियान के लिए नौसेना की टीमें पहुंचीं चूरलमाला 

Jul 31, 2024 - 14:01
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Kerala Landslides: मृतकों की संख्या 150 हुई, बचाव अभियान के लिए नौसेना की टीमें पहुंचीं चूरलमाला 
Kerala Landslides: मृतकों की संख्या 150 हुई, बचाव अभियान के लिए नौसेना की टीमें पहुंचीं चूरलमाला 

Kerala Landslides: केरल राज्य राजस्व विभाग ने कहा कि केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 148 हो गई है। हालांकि, पैरा रेजिमेंटल ट्रेनिंग के कमांडेंट ब्रिगेडियर अर्जुन सीगन ने कहा कि अब तक 150 मौतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि करीब 200 से 250 लोगों को बचाया गया है। इसके अलावा, भूस्खलन से प्रभावित वायनाड के चूरलमाला में खोज और बचाव अभियान में एक श्वान दस्ता भी शामिल हो गया है। 30 जुलाई की सुबह राज्य के पहाड़ी क्षेत्र मेप्पाडी पंचायत में दो बड़े भूस्खलन हुए, जिनमें मुंदक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव गंभीर रूप से प्रभावित हुए।

पिछले 2 सप्ताह से लगातार हो रही बारिश से प्रभावित इस क्षेत्र में भूस्खलन के बाद भारी तबाही मच गई है, नदियां और उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं और अपना मार्ग बदल रही हैं तथा गांवों से होकर बह रही हैं और विनाश मचा रही हैं। सेना, नौसेना, वायु सेना और एनडीआरएफ की बचाव टीमें बचाव कार्यों में सहायता कर रही हैं। बचाव कार्यों में सहायता के लिए एझिमाला नौसेना अकादमी की 60 टीमें आज सुबह चूरलमाला पहुंचीं। केरल जनसंपर्क विभाग ने बताया कि 45 नौसैनिकों, पांच अधिकारियों, छह अग्निशमन कर्मियों और एक डॉक्टर की टीम का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडेंट आशीर्वाद कर रहे हैं।

पैरा रेजिमेंटल ट्रेनिंग के कमांडेंट ब्रिगेडियर अर्जुन सीगन ने बताया कि कल सुबह से ही बचाव अभियान जारी है। कल खराब मौसम के कारण बचाव दल बहुत से लोगों को नहीं बचा पाए थे। एनडीआरएफ टीम, सेना, राज्य पुलिस, वन अधिकारी और स्वयंसेवकों के लगभग 500 से 600 जवान आज बचाव अभियान चला रहे हैं। ब्रिगेडियर सीगन ने कहा कि बह गए पुल के पुनर्निर्माण के प्रयास जारी हैं और जैसे ही स्थिति बेहतर होगी, लोगों को हवाई मार्ग से बाहर निकाला जाएगा।

सेना के अधिकारी ने कहा कि हम पुल को फिर से बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि हम मिट्टी हटाने वाले उपकरणों को अंदर ले जा सकें और खुदाई की प्रक्रिया को आसान बना सकें। हम अभी तक यह प्रक्रिया मैन्युअल रूप से कर रहे हैं। जैसे ही मौसम की स्थिति बेहतर होगी, हम लोगों को हवाई मार्ग से ले जाना शुरू कर देंगे।

भारतीय सेना की दक्षिणी कमान ने बुधवार सुबह अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया कि अब तक 1,000 लोगों को बचाया जा चुका है। पोस्ट में लिखा गया है कि समन्वित प्रयासों के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में भारतीय सेना की टुकड़ियां, एनडीआरएफ, राज्य बचाव दल, तटरक्षक, भारतीय नौसेना और आईएएफ के साथ मिलकर संकट से निपटने के लिए लगातार काम कर रही हैं। मानव निर्मित पुल और मानवीय प्रयासों का उपयोग करके अब तक 1,000 कर्मियों को बचाया गया है। सेना की टुकड़ियों द्वारा लगभग 70 शव बरामद किए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के विमान एएन 32 और सी 130 द्वारा त्रिवेंद्रम से दो अतिरिक्त सेना की टुकड़ियां कल रात 10:30 बजे कालीकट में उतरीं। इन टुकड़ियों ने आज सुबह 6:45 बजे वायनाड के लिए अपनी आगे की यात्रा शुरू की, यहां तक ​​कि छुट्टी पर गए एक सेना अधिकारी ने भी मिशन में शामिल होने के लिए स्वेच्छा से आगे आने की पेशकश की। पहला भूस्खलन मेपाडी पंचायत के मुंदक्कई में रात करीब 1.30 बजे हुआ, जबकि दूसरा भूस्खलन सोमवार सुबह करीब 4 बजे हुआ।

मुंडक्कई से चूरलमाला तक पानी के तेज बहाव के कारण इरुवाझिंजी नदी का रुख बदल गया, जिसके परिणामस्वरूप अचानक बाढ़ आ गई और चूरलमाला गांव बह गया। भूस्खलन में घर दब गए, पेड़ उखड़ गए और लोग बह गए। मुंडक्कई को चूरलमाला और अट्टामाला से जोड़ने वाले पुल के बह जाने के बाद मुंडक्कई में फंसे लोगों को मंगलवार शाम को सेना द्वारा नदी पर एक अस्थायी पुल का निर्माण करने के बाद बचा लिया गया।

इलाके में घर दब गए और पेड़ उखड़ गए तथा वायनाड के पड़ोसी जिले मलप्पुरम के पोथुकल गांव में चलियार नदी में शव तैरते पाए गए। चलियार नदी चूरलमाला से निकलती है और मुंडक्कई के पीछे से बहती है तथा फिर सोचीपारा जलप्रपात से होते हुए पोथुकल तक पहुँचती है। रिपोर्टों के अनुसार, बहकर किनारे पर आए लोगों के शव इरुट्टुकुथी, अम्बिट्टनपोट्टी, कुनिप्पला, नजेट्टीकुलम, मचिकाई, भूदानम, वेल्लिलामद, मुंडेरी और पनंगयम के घाटों से बरामद किए गए।

केरल राजस्व विभाग द्वारा क्षेत्र के अस्पतालों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर संकलित आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 75 पीड़ितों के शवों की पहचान की जा चुकी है। इसमें कहा गया है कि 123 शवों की पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इनमें से 62 पीड़ितों के शवों की पहचान कर ली गई है और उन्हें अब तक उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। अब तक 83 पीड़ितों के शवों की पहचान हो चुकी है। 143 शवों की पोस्टमार्टम प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।

इनमें से 32 शव नीलांबुर जिला अस्पताल में रखे गए हैं। नीलांबुर में 25 शवों के अंग हैं और सभी शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है। नीलांबुर में मृतकों में 19 पुरुष शव, 11 महिला शव और दो छोटे बच्चे हैं। सीएचसी मेप्पाडी में मृतकों में 47 पुरुष और 44 महिलाएं शामिल हैं। वायनाड में कई घायलों को मेप्पाडी के WIMS अस्पताल, कलपेटा के सरकारी अस्पताल, व्यथिरी के तालुक अस्पताल और बाथरी के तालुक अस्पताल में ले जाया गया। मल्लापुरम में घायलों का कोंडोट्टी तालुक अस्पताल और मंजेरी सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि वायनाड में 45 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और 3000 से अधिक लोगों का वहां पुनर्वास किया गया है।

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