हरियाणा मंत्रिमंडल ने गांव की आम भूमि से संबंधित नियम में संशोधन करने को दी मंजूरी, किसानों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा ग्राम साझी भूमि अधिनियम 1961 में और संशोधन करने के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दी गई।
प्रस्तावित संशोधन के अनुसार शामलात देह में भूमि का स्वामित्व, जो पूर्वी पंजाब भूमि उपयोग अधिनियम 1949 के तहत 20 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे के आधार पर आवंटित किया गया था और उक्त भूमि मूल आवंटी, हस्तान्तरितकर्ता या उनके कानूनी उत्तराधिकारी के पास खेती योग्य कब्जे में रही है, को तत्काल प्रभाव से शामलात देह के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
इस निर्णय से राज्य के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा जो दशकों से ऐसी जमीन पर खेती कर रहे हैं। इसके अलावा यह भी प्रस्तावित है कि मूल पट्टेदार, हस्तान्तरित व्यक्ति या उनके कानूनी उत्तराधिकारी को स्वामित्व अधिकारों के हस्तांतरण के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को एक राशि का भुगतान करना होगा।
यह राशि निर्धारित सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, किसान द्वारा आवेदन करने पर सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा, ऐसी पंचायती भूमि का स्वामित्व गांव के उन निवासियों को बिक्री द्वारा हस्तांतरित किया जाएगा, जिन्होंने 31 मार्च, 2004 को या उससे पहले अपने घरों का निर्माण किया है।
ये घर अधिकतम 500 वर्ग गज तक (खुली जगह सहित) हों। बिक्री दर बाजार शुल्क से कम नहीं होगी। इससे पंचायतों को उन पुराने मामलों को नियमित करने में मदद मिलेगी, जिनमें निवासियों ने पंचायती जमीन पर मकान बनाए हैं। साथ ही जमीन की बिक्री से पंचायतों को आय भी होगी। इससे राज्य भर की विभिन्न अदालतों में लंबित कई मुकदमे भी खत्म हो जाएंगे।
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