चुनावी घोषणा से पहले सरकार को बुलाना पड़ेगा विधानसभा सत्र, पढ़िए क्या कहते हैं नियम?

Aug 8, 2024 - 08:26
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चुनावी घोषणा से पहले सरकार को बुलाना पड़ेगा विधानसभा सत्र, पढ़िए क्या कहते हैं नियम?
चुनावी घोषणा से पहले सरकार को बुलाना पड़ेगा विधानसभा सत्र, पढ़िए क्या कहते हैं नियम?

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। आम जनता की नजर भी चुनाव आयोग की ओर से घोषित की जाने वाली चुनाव की तारीखों पर लगी है। इसी बीच बड़ी जानकारी सामने आई है, क्योंकि विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले हरियाणा सरकार को विधानसभा का सत्र बुलाना पड़ेगा। ऐसा नहीं होने पर आर्टिकल 356 के तहत सरकार खुद ही असंवैधानिक हो जाएगी। इसे लेकर संविधान में क्या प्रावधान है और सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक होते हुए बीजेपी में गई किरण चौधरी के अलावा बीजेपी के कार्यक्रमों में जाने वाले जेजेपी के 3 विधायकों का क्या होगा ? इन मुद्दों को लेकर हमने हरियाणा विधानसभा के स्पेशल सचिव रहे और संविधान के जानकार रामनारायण यादव से खास बातचीत की। आप भी जानिए कि विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने की सूरत में क्या होगा?

संविधान के जानकार रामनारायण यादव की माने तो नियमों के अनुसार किसी भी प्रदेश की सरकार को हर 6 महीने में विधानसभा का सत्र बुलाना जरूरी होता है, क्योंकि हरियाणा विधानसभा का पिछला सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था। इसलिए 12 सितंबर तक प्रदेश सरकार को विधानसभा का सत्र बुलाना ही पड़ेगा। ऐसा नहीं होने पर हरियाणा की सरकार पर खुद ही आर्टिकल 356 लग जाएगा, जिसके तहत प्रदेश सरकार असंवैधानिक हो जाएगी, यानि प्रदेश में खुद ही राष्ट्रपति शासन लगा हुआ माना जाएगा। हालांकि यादव ने बताया कि सरकार चाहे तो 24 घंटे के अंतराल पर भी सत्र को बुला सकती है। इसके लिए जरूरी केवल यह है कि विधानसभा के सभी सदस्यों के पास सत्र की सूचना पहुंचनी चाहिए, जोकि आज के समय में कोई मुश्किल और बड़ा काम नहीं है। इसलिए सरकार 12 सितंबर या फिर उससे पहले कभी भी सत्र बुला सकती है। 

सुप्रीम कोर्ट में दिया एफिडेविट

रामनारायण यादव ने बताया कि हरियाणा में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनाव आयोग की ओर से भी मीटिंग के दौर शुरू कर दिए गए हैं। हरियाणा के अलावा झारखंड, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होने है। यादव ने बताया कि जम्मू-कश्मीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट भी दिया गया है कि वहां पर सितंबर तक चुनाव करा लिए जाएंगे। ऐसे में इन सभी राज्यों के चुनाव एक साथ ही कराए जाएंगे, जिसके चलते संभावना है कि जल्द ही चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी।

सबूत देने पर सुनेंगे स्पीकर

कांग्रेस विधायक रहते हुए किरण चौधरी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने और विधायक पद से इस्तीफा नहीं देने को लेकर रामनारायण यादव ने बताया कि अब कांग्रेस के नेताओं की ओर से इसे लेकर पिटिशन दायर की गई है, जिसमें सभी जरूरी दस्तावेज भी पूरे किए गए है। ऐसे में शेड्यूल 10 के पैराग्राफ 2-1-ए में उनकी सदस्यता डिस्क्वालिफाई होती है। जेजेपी के 3 विधायकों के मामले में भी ऐसा ही है। हालांकि यादव ने कहा कि, क्योंकि हर चीज सबूत पर निर्भर करती है। बिना सबूत के कोई भी फैसला नहीं हो सकता। यदि दोनों दलों की ओर से सबूत दिए होंगे तो स्पीकर उन्हें जरूर सुनेंगे।

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